*निजी स्कूलों की मनमानी,अभिभावकों ने कलेक्टर से लगाई गुहार*
*ऑनलाईन पढ़ाई के नाम पर फीस वसूली के लिए दबाव*
कोरोना के चलते देश भर में प्रभावी रूप से लागू किये गए, लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों में पहले तीन माह की फीस के लिए अभिभावकों व छात्रों को परेशान किया गया, वही अब ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर स्कूल प्रबन्धन की मनमानी देखने को मिल रही जो फीस के लिए लगातार अभिभावकों पर दबाव बना जा रहे है...जबकि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से बच्चों को पढ़ने में समस्या होने के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पढ़ रहा है...आज इसके विरोध में अभिभावकों ने कलेक्टर कार्यालय पहुँच कान्वेंट व शहर के अन्य निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ तहसीलदार को जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपा...
Bite...ज्योति अजमेरा
वर्तमान में कोरानाकाल चल रहा है और पूरे प्रदेश में समस्त विद्यालय आगामी आदेश तक के लिये बंद हैं, इस बीच किसी प्रकार का कोई अध्यापन कार्य स्कूलों में नहीं हो रहा है...मध्य प्रदेश शासन ने भी कक्षा पाँचवी तक की ऑनलाईन अध्यापन पर रोक लगा दी है, वही अन्य कक्षाओं के लिये भी जिन विद्यालयों के द्वारा ऑनलाईन पढ़ाई करवाने का कहा जा रहा है, उसमें मात्र उनके द्वारा होमवर्क दिया जाता है किसी प्रकार का कोई अध्यापन नहीं करवाया जाता ऐसे में होमवर्क भी अभिभावकों को ही घर पर करवाना होता है, विद्यालय स्तर पर पाठ को समझाने के लिये किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया जाता है...जिले में समस्त विद्यलायों के संचालको द्वारा अभिभावकों पर अवैध रूप से फीस वसूली के लिये दवाब बनाया जा रहा है , मैसेज और फोन के माध्यम से प्रेशर बनाया जा रहा है , और ट्यूशन फीस के नाम पर हजारों रूपया वसूला जा रहा है , किस किस मद में फीस वसूली जा रही है यह तक अभिभावकों को नहीं बताया जा रहा है, वही फीस नही देने पर भविष्य में बच्चों की पढ़ाई को लेकर किसी भी प्रकार की जवाबदारी लेने से इंकार कर रहे हैं...
*Bite... सपना अभिभावक*
वही स्कूल प्रबंधन का कहना है कि हम मध्यप्रदेश शासन से अधीन नहीं हैं, हम सीबीएससी कोर्स करवाते हैं, हम पर मात्र केन्द्रीय कानून चलते हैं, यदि केन्द्र के द्वारा कोई निर्देश आते हैं, तो हम उसे मानेगें ।
ऐसे में कोरोनाकाल के चलते लगभग सभी व्यक्तियों की आमदानी प्रभावित हुई है... और अधिकांश लोगों के सामने पेट भरने की भी समस्या है, ऐसी स्थिति में स्कूलों की भारी-भरकम फीस चुकाना अभिभावकों के सामने बड़ा आर्थिक संकट है....!