प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही, सिस्टम की कार्यप्रणाली भी बदल चुकी है, कुशासन के खिलाफ सख्ती से निपटने वाली कमलनाथ सरकार की कार्यवाहियों की भनक से ही खोफ खाने वाले, गुंडे, बदमाश भू-माफिया, और अवैध कारोबारी अब शिव "राज" सरकार में खुद को महफूज़ समझते हुए, दोबारा सीना तान खड़े है...!
काले कारोबार से जुड़े माफियाओं का स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सिस्टम से कुछ ऐसा जुगाड़ हुआ, की अब उन्हें सरकार के होने या उसकी किसी भी कार्यवाही का ख़ौफ ही नही रहा...!
बात करें जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मिलावट के माफियाओं की तो, तत्कालीन कमलनाथ सरकार की सख्ती के चलते शहर से पलायन कर पड़ोसी राज्य राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों से अपने काले कारोबार को अंजाम तक पहुँचाने वाले मिलावट के यह माफिया सिस्टम से तगड़े जुगाड़ के चलते आज फिर बे-लगाम हो चुके है...और जनता की थाली तक जहर परोसने को आमदा है...!
वहीं जनता के हित मे रात की नींद और दिन का चेन खोकर, मिलावट के इस जहरीले कारोबार को जड़ से उखाड़ते हुए, माफियाओं को जेल का रास्ता दिखाने वाले, सरकार के सेनापति, खाद्य ओषधि अधिकारी संजीव मिश्रा भी सरकार बदलते ही इस अवैध कारोबार के खिलाफ चुप्पी साध चुके है...!
मसलन शहर में मसाला उपज के एक दर्जन से अधिक करोबारियों का जहरीला कारोबार दोबारा पनप चुका है, और प्रशासन कि नाक के नीचे इसे संचालित किया जा रहा है...सरकारों के फेरबदल के साथ ही जनता का हित और अहित भी तय हो चुका है, जिम्मेदारों का नजरिया बदल गया है, और मिलावट के माफियाओं की इरादे स्पष्ट हो चुके है...
शिवराज के सुशासन में सिस्टम से माफियाओं की जुगलबंदी का बड़ा उदाहरण मिलावट के कारोबार में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है,,,जहाँ अब शुद्ध के लिए युद्ध नही...बल्कि अशुद्ध के लिए जिम्मेदारों से सांठगाठ का जुगाड़ किया जा रहा है...!