काली कमाई से नही छूट रहा मोह तो अब मिलावटी खोरी में आजमाया हाथ...."बेवफा" निकला "बाबू" धंधे में छुटा साथ तो अब "सांभा" ने तलाशे रास्ते....सीबीएन के शिकंजे के बाद मुफलिसी के दौर में, "बाबू तस्कर" के खास सारथी....राजस्थान के नारायणी में "सांभा" ने बनाया जहरीले कारोबार का ठिकाना.....
नीमच//सलाखों में कैद कुख्यात तस्कर बाबू गिरोह के सांभा ने अपने तस्कर साथी से तस्करी के धंधे में मिली रुसवाई के बाद काली कमाई का नया रास्ता इख्तियार कर लिया है,केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की चपेट में आकर जैल की हवा खा रहा तस्कर जयकुमार सबनानी उर्फ बाबू सिंधी का जैल जाना सांभा के लिए बेहद ही दुःखद और अवैध कारोबार में नुकसानी भरा रहा, जिसके बाद मुफलिसी के दौर से गुजर रहे, सांभा ने काली कमाई का नया जुबाड़ भट्टी कारोबार के रूप में शुरू किया है, जहाँ प्राकृतिक मसाला उपज पर जहर चढ़ाकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने को सांभा अब आमदा हो चुका है,,,खबर है की, जिले की सीमा से सटे राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में एक प्रतिष्ठित मंडी कारोबारी के फार्म हाउस पर सांभा ने मिलावट खोरी का यह ठिकाना बनाया है, जहाँ मसाला उपज को भट्टियों में तपाकर जहरीला बनाया जा रहा है, और स्थानीय बाजार से लेकर बड़े शहरों में इसकी सप्लाय सांभा के नए ठिकानें से की जा रही है, सूत्रों के मुताबिक जिले की सीमा से सटे राजस्थान के नारायणी में जहरीली भट्टियों से जहर का यह काला कारोबार सांभा की सरपरस्ती में संचालित किया जा रहा है...जहाँ इस काले कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करना नीमच जिला प्रशासन के लिए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर है, और इसी बात का फायदा सांभा ने उठाते हुए, मिलावट खोरी के इस जहरीले कारोबार को राजस्थान के नारायणी क्षेत्र में स्थापित किया, जहाँ स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है...? बतादें की मादक पदार्थो की तस्करी में बाबू गिरोह के साथ सांभा की भूमिका भी अहम रही है, जिसने कुख्यात तस्कर बाबू के काले कारोबार को अंजाम तक पहुँचाने के लिए एक ट्रांसपोर्टर के रूप में अपना अहम योगदान तस्कर बाबू के लिए दिया था...जिसके बदले में काली कमाई का एक मोटा हिस्सा सांभा की जेब तक भी पहुँचता था, लेकिन इस बीच जांच एजंसियों की आंख में धूल झोंकते हुए, मंडी कारोबार की आड़ में लंबे समय तक मादक पदार्थों की तस्करी को अंजाम देने वाले जयकुमार सबनानी उर्फ "बाबू" के खिलाफ केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने शिकंजा कसा और उसके औद्योगिक क्षेत्र स्थित ठिकानें से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त कर बाबू को सलाखों के पीछे धेकेल दिया...मामले की जांच में परत दर परत बाबू और उसके गिरोह में शामिल संदिग्धों से पर्दा उठता गया, जिसके बाद तस्कर सिंडिकेट से जुड़े लोगों की धरपकड़ अब भी जारी है...! ऐसे में बाबू के साथ काले कारोबार में उसके सारथी रहे, लोगों का काली कमाई से मोह अब भी छुटा नही है, जिसके लिए काले कारोबार को अंजाम देने, नए रास्ते तलाशे जा रहे है, और ऐसा ही एक रास्ता बाबू गिरोह के सांभा ने भी ढूंढ लिया है, जहाँ अब वह जहरीली भट्टियों में कृषि उपज को तपाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करेगा...
बहरहाल अवैधानिक गतिविधियां चाहे किसी भी राज्य की सीमा क्षेत्र में संचालित हो, लेकिन कार्यवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त कदम इसके खिलाफ उठाने की आवश्यकता है...ताकि काली कमाई के नए रास्ते खोजने वालों को कानून के ख़ौफ का अहसास हो सके...?*