"फूड" और "ड्रग" सहित तीन विभागों को चारा डाल रहे तेल कारोबारी....सालों से पनप रहे, गोरखधंधे के खिलाफ प्रशासन ने अब तक नही दिखाई गम्भीरता...? फूड इंडस्ट्री से लेकर मेडिकल सेक्टर और पशु आहार उद्योगों में पहुँच रही नीमच की मिलावटी "डीओसी".....
नीमच//एक कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी.. "आम के आम गुठलियों के दाम" जी हाँ खाद्य तेल का उत्पादन करने वाले सोयाबीन तेल उद्योगों में यही कहावत आज चरितार्थ होती नजर आ रहा है, हालांकि यहाँ कारोबारियों के कारनामों ने मोटे मुनाफे की लालसा में आम की उस गुठली को भी नही छोड़ा...और काली कमाई की लालसा में मानवीयता को भी रौंद दिया...! मामला सोयाबीन तेल उद्योगों में तेल उत्पादन प्रोसेस के बाद तैयार होने वाली "डीओसी" में की जा रही बे-इंतहा मिलावट खोरी से जुड़ा है, जो आज शहर के लगभग सभी सोया तेल उद्योगों में अपने अंजाम तक पहुँच रही है, कारोबारियों की बेखोफी कुछ इस कदर है, की स्वास्थ्य से जुड़े तीन विभागों को यहाँ खुलेआम गच्चा दिया जा रहा है, और जानवरों के पशु आहार से लेकर मेडिकल सेक्टर और फूड इंडस्ट्री तक उपयोगी उत्पादों में महत्वपूर्ण "डीओसी" को मिलावट की भेंट चढ़ाया जा रहा है,
बतादें की सोया तेल उद्योगों में कारोबारी दृष्टि से "डीओसी" के रूप में बड़ा फायदा तेल कारोबारियों को पहुँचता है, और इसी "डीओसी" को और अधिक मुनाफे का सौदा बनाने की लालसा में तेल कारोबारी इसे मिलावट की भेंट चढ़ा रहे है, जो जानवरों से लेकर जनमानस के स्वास्थ्य में जहर घोलने का काम कर रहा है...! कारनामों का पैमाना कुछ इस कदर है, की यहाँ मिलावट खोरों के खिलाफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का अभियान भी फीका पड़ जाए...जहाँ फूड से लेकर ड्रग सहित तीन विभागों की खांक में मिलावट खोरी का यह काला कारोबार फल फूल रहा है, और जिम्मेदार मूकदर्शक बन बैठे है...? शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थापित आधा दर्जन सोया तेल उद्योगों में लगभग यही कुछ चल रहा है, जहाँ तेल कारोबारियों ने मानवता को भी रौंद दिया है, और इसी राह पर हाल ही में स्थापित हुए उद्योग भी चल पड़े है, जो तेल उत्पादन की आड़ में जानवरों सहित जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने को तैयार हो चुके है... no1newsindia को प्राप्त हुए, पुख्ता प्रमाण और जानकारी के मुताबिक "डीओसी" में हानिकारक पदार्थो की मिलावट नेवड़ स्थित सोया तेल उद्योग में सामने आई है, जो कि हाल ही में अस्तित्व में आया है, पड़ोसी राज्य राजस्थान से यहाँ मिलावट का सामान पहुँच रहा है, जिसे "डीओसी" मिलाया जा रहा है, और फिर इसी "डीओसी" को फूड इंडस्ट्री सहित मेडिकल सेक्टर और पशु आहार से जुड़े उद्योगों तक पहुँचाया जा रहा है, जहाँ तैयार होने वाले उत्पाद धड़ल्ले से बाजारों में बिक रहे है...अब ऐसे में मिलावट के इस काले कारोबार के खिलाफ स्थानीय प्रशासन कितना सख्त है, इसका अंदाजा भी भली भांति लगाया जा सकता है,,,जो सालों से सोया तेल उद्योगों में पनप रहे, इस गोरखधंधे के खिलाफ अंकुश नही लगा सका...?