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बैकफुट पर खड़े माननीय की राजनीतिक प्रतिभा को निखारेगा "खेल महोत्सव".....पांच खेलों का महाकुंभ...बिखरेगी सितोलिया...खेलों में होगा खेला...? खेलों के जरिए राजनीति के मैदान में डूबता जनाधार बचाने में लगे सासंद गुप्ता.....

हाल ही में राजस्थान के निम्बाहेड़ा में सपन्न हुए खेलों के महाआयोजन "उदय खेल उत्सव" की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश के मन्दसौर-नीमच-जावरा संसदीय क्षेत्र में भी खेल महोत्सव का आयोजन 18 अप्रैल से प्रराम्भ हो चुका है, निर्धारित आयोजन के मुताबिक महज पांच खेलों के इस महोत्सव को खेलों का महाकुंभ बताया गया है, जहाँ 2500 स्कूलों के कुल दो लाख छात्र- छात्राएं शिरकत करेंगे...संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता की अगुवाई में आयोजित किए जा रहे, खेल महोत्सव की रोमांचक बात यह है कि कुल पांच क्षेत्रीय खेलों को इस महोत्सव में शामिल किया गया है, जिसे खेलों का महाकुंभ भी कहा जा रहा है, वहीं दावा किया जा रहा है कि कुल 2500 स्कूलों के दो लाख छात्र-छात्राएं इस महोत्सव में शामिल होकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे...जिन्हें माननीय की तरफ से एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा...जिसकी उपयोगिता स्थानीय खिलाड़ियों के लिए कितनी महत्वपूर्ण होगी, यह बताने की आवश्यकता नही है...40 डिग्री तापमान में मात्र पांच क्षेत्रीय खेलों को शामिल कर इसे खेलों का महाकुंभ कहा गया है...इधर महोत्सव की शुरुआत के साथ ही विपक्ष भी जाग उठा है, और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है, दबी जुंबा में माननीय पर आरोप मढ़े जा रहे है कि संसदीय क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में टैंकर सप्लाय में किये गए खेल के बाद अब खेल महोत्सव के जरिये "खेला" होने जा रहा है...? वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो संसदीय क्षेत्र के कई इलाकों में सांसद सुधीर गुप्ता का गिरता हुआ राजनीतिक ग्राफ भी उन्हें सता रहा है, जहाँ खेलों के जरिए राजनीति के मैदान में अब जनाधार तलाशा जा रहा है, और ऐसे में "खेल महोत्सव" का यह आयोजन माननीय की राजनीतिक प्रतिभा को निखारने में भी अहम साबित हो सकता है, जहाँ वे खुद को बैकफुट पर देख रहे है...और यहाँ खेल महोत्सव के जरिए माननीय की राजनीतिक प्रतिभा निखरेगी या नही इसका तो कुछ कहा नही जा सकता...लेकिन खेल में खेला की संभावनाओं पर चर्चाओं ने जोर जरूर पकड़ लिया है...!

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