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बकरीद पर हिंसा के विरोध में जैन समाज की ऐतिहासिक तपस्या 300 तपस्वियों ने लिया तप का संकल्प.....

नीमच//अहिंसा परमो धर्म' और 'जियो और जीने दो' जैसे महान मूल्यों को आत्मसात करने वाले सकल जैन समाज ने बकरीद पर निर्दोष पशु हिंसा के विरोध में एक करुणा भरी और ऐतिहासिक तप आराधना का आयोजन किया। यह विशेष आयोजन जैन सोशल ग्रुप "आगम" द्वारा नीमच में संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 300 श्रावक-श्राविकाओं ने आयंबिल तपस्या में भाग लेकर अहिंसा का अनुपम संदेश दिया।यह आयोजन नीमच जैन समाज के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा तप समारोह सिद्ध हुआ, जो न केवल समाज की एकता और करुणा का प्रतीक बना, बल्कि धार्मिक आस्था और निष्ठा का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इस पुण्य अवसर का लाभ श्रीमती संगीता प्रदीप बोड़ावत, श्रेया एवं श्रेयांश बोड़ावत परिवार ने लिया। आयोजन में उनकी श्रद्धा, भक्ति और सेवाभाव के लिए जैन सोशल ग्रुप "आगम" ने सहस्त्रों वंदन, शुभकामनाएं और अनुमोदना व्यक्त की।तप आयोजन में समाजजनों ने सेवाभाव से तपस्वियों की सेवा कर पुण्य अर्जित किया। आगम परिवार ने इस सेवा भावना को देखकर कृतज्ञता प्रकट की। इस अवसर पर ग्रुप के अध्यक्ष मनीष मोगरा, सचिव अजित कोठीफोडा, कोषाध्यक्ष अनूप संघवी सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।इस ऐतिहासिक तप आराधना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि जैन समाज अहिंसा और करुणा के पथ पर दृढ़ता से अग्रसर है।

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