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पंच-सरपंच सम्मेलन सम्पन्न, जल संरचना और सामुदायिक भवनों को लेकर मंत्री पटेल ने की घोषणाएं....

नीमच//प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और विवाद मुक्त बनाना पंचायतों की जिम्मेदारी है। ग्राम स्तर पर उत्पन्न होने वाले विवादों को पंचायतों के माध्यम से गांव में ही सुलझाया जाना चाहिए। वे गुरुवार को नीमच टाउनहॉल में जनसहयोग से जल संवर्धन अभियान के अंतर्गत आयोजित जिले के पंच-सरपंच सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।मंत्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में पिछले वर्ष 1066 सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया गया है और इस वर्ष एक हजार नए सामुदायिक भवनों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। इससे ग्रामीणों को सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन में सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले पंचायतों को 25 लाख रुपये तक के निर्माण कार्यों की स्वीकृति थी, अब यह सीमा बढ़ाकर 38 लाख रुपये कर दी गई है।उन्होंने नीमच जिले की जल संरचनाओं पर भी जानकारी दी कि मनरेगा के अंतर्गत जिले में 1660 पुरानी जल संरचनाओं, कुओं और बावड़ियों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके अलावा जनसहयोग से 5871 जल संरचनाओं का गहरीकरण कर, लगभग एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली मिट्टी निकालकर किसानों के खेतों में पहुंचाई गई है।सम्मेलन में सांसद सुधीर गुप्ता ने पंचायती राज व्यवस्था को लोकतंत्र की मूल इकाई बताते हुए कहा कि पंच-सरपंच ग्राम विकास की रीढ़ होते हैं। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे अपने दायित्वों का निष्ठा से पालन करें और अपने गांवों को विकास की दिशा में अग्रसर करें।इस अवसर पर जावद विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार, मनासा विधायक अनिरुद्ध मारू, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती स्वाति चौपड़ा, नीमच जनपद अध्यक्ष श्रीमती शारदा बाई धनगर, श्रीमती वंदना खंडेलवाल एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य पवन पाटीदार मंचासीन रहे।कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मंजुला धीर एवं अरुण सोलंकी ने किया। अंत में अतिरिक्त सीईओ अरविंद डामोर ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव, एसडीएम संजीव साहू, जनपद सीईओ सुश्री मयूरी जोक, अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पार्षदगण एवं बड़ी संख्या में पंचायत पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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