कीर्ति वर्रा की रिपोर्ट
रतलाम//कड़वा है लेकिन सच है हाईवे पर घूम रही गोमाता आखिर कौन है जिम्मेदार हाईवे पर हुए एक्सीडेंट अब तक को मेरी कलम आखिर किसे दोषी कहें नगर निगम का नकाब लॉकडाउन में आखिर कैसे उठाएं या फिर कंटेनर में अवैध गौ तस्करी पर हर एक की नजर या फिर हाईवे पर मवेशियों की वजह से एक्सीटेंड तक का सफर*
मेरा हर गौ माता रक्षक से निवेदन है कि हर व्यक्ति अपने घर पर गौ माता की रक्षा करते हुए अपने घर पर रखिए सिर्फ यह सोचकर कि जैसे बूढ़े मां बाप का अनाथालय होता है वही अनाथालय हम बन गए
शहर की सड़को पर राहगीरों की मौत का कारण बनने वाले आवारा मवेशियों की भरमार*
,। वैसे *तो कहा जाता है की बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता इसी कहावत का चरितार्थ वर्तमान में नगर निगम की कार्यप्रणाली कर रही है , जो नगर की जनता को स्वर्ग भेजने के लिए मरने के तरिके निर्मित कर रही है। इस वाक्य का अर्थ नगर निगम की कार्यशेली के रूप में देखा जा सकता है।
इन दिनों नगर की प्रमुख सड़को पर आवारा मवेशियों की हर तरफ भरमार है। लेकिन ये मवेशी केवल नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियो को छोड़ कर सभी को दिखाई देते है। इसी कारण इन मवेशियों को पकड़ने के लिए**अभी *तक कोई आदेश भी जारी नहीं किये गये है। आदेश जारी करने के लिए निगम आगामी दिनों ने इनसे होने वाले हादसों का इंतजार कर रहा है*।
*नगर की सड़को पर इन दिनों आवारा पशु हर क्षेत्र में देखे जा सकते है*। *जिनसे यातायात बांधित होने के साथ सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को जान क खतरा बना रहता है। लेकिन नगर निगम कार्यवाही से पूर्व हादसे का इंतजार कर रहा है*। *इन आवारा पशुओ से निगम किसी अपने के साथ कोई हादसा ना हो जब तक अधिकारियो की सुस्ती नहीं उड़ेगी।
आखिर क्यू हादसों के बाद हरकत में आता निगम*
नगर में कई समय से मौजूदा हालतो से प्रतीत होता है की नगर निगम हादसों के बाद एक्शन में आता है।