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पुलिस को किया था गुमराह खुद को गोली मारकर फरियादी ही निकला आरोपी कहीं धाराओं में दर्ज प्रकरण

रतलाम //फरियादी द्वारा बनाई गई एक कहानी और फिर किया पुलिस को गुमराह आखिर क्या वजह थी इसके पीछे जहां पर गुनहगार खुद फरियादी बनकर अपने गुनाह छुपा रहा था और फिर अपने आप को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त करना चाहता था वजह सिर्फ यह थी की कोरोना महामारी से पहले एक फाइनेंस कंपनी ने उसे मैनेजर के पद पर रखा था जिस पर उसकी सैलरी ₹45000 मिलती थी लॉक डाउन होने के उपरांत सैलरी में लगातार कमी होने लगी तथा घटना के समय सैलरी ₹25000 हो गई थी इसी को लेकर शेल्डन ने बताया कि सैलरी कम होने की वजह से ना तो वह हाउस लोन भर पा रहा था और ना ही अपने परिवार को सपोर्ट कर पा रहा था और ना ही खुद को संभाल पा रहा था और फिर लगातार सैलरी कट डाउन से वह क्रेडिट कार्ड का बिल और जो पैसे बाजार से उठाए थे उनको नहीं दे पा रहा था इन्हीं कारणों की वजह से वह डिप्रेशन में चला गया और फिर उसके पिताजी की भी मृत्यु हो गई थी वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करें जोकि अपने भाई एंथोनी की भी मदद नहीं कर पा रहा था उसे एक मात्र रास्ता दिख रहा था की अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर लूं लेकिन यह कहां तक सही था कि परिस्थितियों से घिर कर खुद की जीवन लीला समाप्त करते हुए अपने परिवार के बोझ को कम किया जा सकता है और फिर खुद ही गुनाह करके फरियादी बनने के बाद पुलिस की आंखों में धूल झोंकने हुए अपना आने वाला कल भी बर्बाद कर दिया इसीलिए मेरा आप सभी से निवेदन है कि गुनाह की दस्तक को पार करने से पहले एक बार अपने परिवार से लेकर तो सच्चाई तक जरूर सोच लीजिएगा कि आपका एक कदम गुनाह की ओर और फिर सच्चाई की एक पहल आपको सलाखों के पीछे डाल सकती है अगर एंथोनी चाहता तो अपनी सारी पीड़ा पुलिस को बता कर कुछ राहत पा सकता था लेकिन पुलिस को गुमराह करने के बाद खुद ही अपराधी बन गया*

कीर्ति वर्रा

रतलाम बिलपांक थाना क्षेत्र अंतर्गत हाईवे पर हुए गोलीकांड का रतलाम पुलिस ने पर्दाफ़ाश कर दिया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में हाइवे पर हुए गोलीकांड के मामले में पुलिस को गुमराह करने का प्रयास विफल हो गया है। पुलिस जांच में फरियादी ही आरोपी साबित हुआ। युवक ने स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी गौरव तिवारी ने पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया की 3 अक्टूबर को फरियादी शेल्डन एन्थोनी पिता आयवीन एन्थोनी क्रिश्यन उम्र 30 साल नि. शक्तिनगर रतलाम ने रिपोर्ट किया था कि वह रतलाम से बाईक से बडनगर फायनेंस कार्यालय हाईवे रोड से जा रहा था, बिलपांक फंटे के आगे एक पल्सर गाड़ी पर दो व्यक्ती पीछे से आये वह ट्रक को ओवर टेक करने लगे तो एन्थोनी की गाड़ी से हल्के से टकरा गई। शेल्डन एन्थोनी बोला क्या अंधे हो तो उन्होने गाली देना शुरु कर दिया तो एन्थोनी ने भी गाली दी। इतने मे उनकी मोटर सायकल पर पीछे बेठे व्यक्ति ने एन्थोनी से कहा की तु बहुँत तेज चल रहा है तेरे को निपटा देता हुँ। और उसने जेब से कट्टा निकाला और एन्थोनी को जान से मारने की नियत से उसके ऊपर फायर किया। जिससे एन्थोनी को सामने पेट मे गोली लगी और वही गिर गया तो वह दोनो वहा से बदनावर तरफ भाग गये । ऐसा फरियादी शेल्डन एन्थोनी ने रिपोर्ट में बताया था। फिर थाना बिलपांक पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 307,34 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान सायबर सेल रतलाम की मदद से फरियादी की लोकेशन प्राप्त कर जानकारी ली गई। पुलिस जांच और मेडिकल रिपोर्ट में जो बात सामने आई उसने पुलिस को भी चौंका दिया। जिसके बाद पुलिस ने जब फरियादी से फिर से कथन लिए तो उसने पूरी घटना बताई। बाद मे फरियादी शेल्डन को तलब कर पूरक कथन लिये गये तथा फरियादी शेल्डन व साक्षी चिरंजीव जादव के धारा 164 जा.फौ. के न्यायालय रतलाम में कथन कराये गये ।
पुलिस के अनुसार यह हुआ घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार कथन में फरियादी ने बताया कि कोरोना से पहले फायनेंस कम्पनी से उसे मैनेजर के पद पर रखा गया था। जिस पर उसकी सैलरी 45,000 रूपये मिलती थी।लॉकडाउन होने के उपरान्त सैलेरी में लगातार कमी होने लगी तथा घटना के समय सैलेरी 25,000 रूपये हो गई थी । पुलिस के अनुसार शेल्डन ने बताया कि कोरोना तथा सैलेरी के कम होने से न तो वह अपना हाऊस लोन भर पा रहा था न अपने आपको संभाल पा रहा था और न ही अपने परिवार को सपोर्ट कर पा रहा था। लगातार सैलेरी कट डाउन से वह क्रेडिट कार्ड का बिल और जो पैसे बाजार से उठाये थे उनको नहीं दे पा रहा था। शेल्डन ने पुलिस को बताया कि उक्त कारणो से वह डिप्रेशन में चला गया था । उसके पिताजी की पहले ही मृत्यु हो गई थी, समझ में नहीं आ रहा था कि मै क्या करू? मै अपने भाई ऐरिक एन्थोनी की भी मदद नहीं कर पा रहा था। उक्त सभी बातो को सोचकर वह डिप्रेशन में चला गया था। फरियादी ने कथन में बताया कि ‘मुझे एक यही रास्ता समझ में आया कि मैं अपने आपको गोली मारकर आत्महत्या कर लूँ । मुझे कुछ न समझ आने के कारण ही अपने आपको गोली मार ली थी’ । जिस पिस्टल से गोली मारी थी, उसे पुलिस द्वारा जप्त की गई हैं। घटना के साक्षी चिरंजीव जादव ने अपने कथनो में बताया है कि घटना के पुर्व शेल्डन एन्थोनी बडवानी आये थे और सिंघाना जिला धार से पिस्टल और राऊण्ड खरीदकर ले गया था।
पुलिस ने बताया कि फरियादी व साक्षी चिरंजीव के कथनो से फरियादी शैल्डन के साथ कोई घटना किसी अन्य बदमाशो द्वारा नहीं की गई है । फरियादी ने अपने कथनो मे बताये गये कारणो से परेशान होकर आत्महत्या करने के लियें स्वयं गोली पेट में मारी ।मामले में विवेचना एवं धारा 164 जा.फौ. के कथनो से एवं फरियादी को पेट आई हुई चोट का मेडिकल विशेषज्ञों से राय लेने पर भी यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि फरियादी को आई हुई चोट स्वयं द्वारा पहुंचाने पर ही संभावित हैं। इस प्रकार फरियादी द्वारा की गई रिपोर्ट असत्य पायी गयी है। फरियादी का थाना बिलपांक एवं जिला रतलाम में पूर्व से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हैं।
पुलिस के अनुसार फरियादी के विरुद्ध धारा 309, 182, 211, 201 भादवि. एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत, आत्महत्या का प्रयास करना, साक्ष्य छुपाना झूठी रिपोर्ट दर्ज करना एवं अवैध हथियार खरीद कर उसका उपयोग करने के गिरफ्तार किया जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही हैं।
प्रकरण का खुलासा करने तथा वास्तविकता के आधार पर निराकरण में सराहनीय भूमिका
पुलिस कप्तान गौरव तिवारी एवं अति. पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार के निर्देशन एवं अनुविभागीय अधिकारी (पु.) रतलाम ग्रामीण मानसिंह चौहान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बिलपांक द्वारा वस्तुस्थिति ज्ञात की जाकर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध का पर्दाफाश किया हैं। प्रकरण में उप निरीक्षक कैलाशचंद मालवीय, प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण थाना सैलाना, आरक्षक नीरज त्यागी, थाना बिलपांक की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं।

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