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नन्हे से किसान के हाथ में खराब फसलों का बोज,और फिर इंसाफ करो साहब ''हम आने वाले कल के किसान हैं''

लहलाती फसल को उखाड़ सरकारी दफ्तर पहुचे किसान फसल उखाड़कर सड़क पर किसानों ने निकाली रैली सोयाबीन की खराब फसल होने से परेशान हुए किसान, किसानों ने की मुआवजे की मांग किसानों की मांग के समर्थन में कांग्रेस भी मैदान में उतर गई वही किसानों के इस प्रदर्शन पर अधिकारी ने दिए प्रकरण दर्ज करने के निर्देश


रतलाम जिले में सोयाबीन की फसल में खराब ओर पीला मौजक कीड़ा लगने से किसानों की हालत खराब हो गयी है। महंगे दामो में बीज खरीदकर सोयाबीन फसल बोने वाले किसान अब फसल उखाड़कर रैली के रूप में सरकारी दफ्तर पर पहुंच कर एसडीएम ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन किया वह सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर किसान बड़ी संख्या में एकत्रित हुए । जावरा में सेकड़ो किसान आज उखड़ी हुई फसल को लेकर एस डी एम कार्यालय पहुच गए। अफलन वाली फसलों के सर्वे की मांग को प्रसाशन ने किया स्वीकार। लेकिन किसानों के कोरोना गाइडलाइन का उलंघन करने पर किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के भी दिए निर्देश।
मालवा में खराब फसल में प्रमुख सोयाबीन की फसल किसानों द्वारा बड़ी तादात में लगाई जाती है। इस बार सोयाबीन के भाव अच्छे होने से किसानों ने अपने खेतों में सोयाबीन की फसल बड़े पैमाने पर लगाई थी। इसके लिए किसानों ने महंगे दामो पर सोयाबीन का बीज खरीदा था। फसल खेतो में उगी,हरीभरी होकर लहलाई भी लेकिन अब इस फसल में सोयाबीन की फली नही लगी। इसके साथ क्षेत्र में हमेशा से पीला मौजक कीड़ा भी फसल में लग गया। अपनी फसल पर दो तरफा मार से किसान परेशान हो गए। फसल में अफलन से तो किसानों की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गयी कि उन्होंने अपनी लहलाती फसल को अब खेतो से उखाड़ना भी शुरू कर दिया है। फसल के अफलन होने से अब किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। आज किसानों ने अपने खेतों से अफलित सोयाबीन फसल को उखाड़कर प्रदर्शन किया। जावरा हाईवे पर रैली निकाली गई वह फसलें।खराब होने पर मुआवजे की मांग को लेकर जावरा एस डी एम कार्यालय पर प्रदर्शन किया वह इस दौरान किसानों ने महू नीमच फोरलेन रोड पर भी जाम कर दिया जिस पर जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति ने बिना अनुमति रैली निकालने और धरना प्रदर्शन करने पर आयोजन कर्ताओं पर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए वही आसपास के गावो से सेकड़ो की तादात में किसान कांग्रेस नेता डी पी धाकड़ के नेतृत्व में पहुचे थे। किसान अपने हाथों में उखड़ी हुई फसल लेकर आये थे। और फिर जावरा जनपद में ज्ञापन सौंपा गया

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