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देश भर में चल रहा मोदी फेक्टर लेकिन संसदीय क्षेत्र में हालात बन रहे विपरीत.....नीमच मंदसौर लोकसभा क्षेत्र में गूंज रहे नारे..."मोदी की ग्यारंटी, लेकिन सांसद फिसड्डी"....अनुमानित रिकॉर्ड मतों से जीत का दावा भाजपा के लिए नही रहा आसान....चुनिंदा सांसदों की फेहरिस्त में शामिल सिटिंग एमपी "सुधीर गुप्ता" को लेकर आखिर क्यों निर्मित हुआ प्रतिकूल वातावरण...?

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा एक बार फिर मोदी के चेहरे और मोदी की ग्यारंटी के साथ "अबकी बार 400 पार" के दावों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है...भाजपा के पास वोटरों को साधने के लिए मोदी की ग्यारंटी तो है, लेकिन संसदीय क्षेत्र में उतना ही फिसड्डी रिपोर्ट कार्ड पार्टी के सांसद प्रत्याशियों का सामने आ रहा है...जिनकी न तो स्वयं की कोई ग्यारंटी है, और न ही विकास के प्रत्यक्ष दावों का कोई खास आधार...एक अकेले मोदी की "फ्रेम" को आगे रख "अबकी बार 400 पार" का ढोल पीट रही भाजपा के पास शायद उसके कुछ सांसद प्रत्याशियों का फीड-बेक ठीक ढंग से पहुँच नही पाया...जिनका न तो स्वयं का कोई फेस है, और न ही कोई ग्यारंटी...मोदी के नाम के सहारे पिछले दो आम चुनावों में माननीय बनकर संसद की दहलीज तक पहुँचे सांसदों को उनके माननीय होने का इतना "इल्म" हुआ कि माननीय न तो किसी की मानते है, और न ही किसी की सुनते है...माननीय बस मनमानी करते है...जनहित से जुड़े विकास के मुद्दों पर जनता की अपेक्षाओं से परे और आवश्यकताओं के विपरीत मन माफिक कदम उठाते है...लिहाजा इसका परिणाम चुनावों में तय होता है, और हिसाब उपेक्षित हुई जनता तय करती है...जिसकी सुगबुगाहट नीमच- मंदसौर- जावरा संसदीय क्षेत्र में सुनाई दे रही है...जहाँ एक प्रखर वक्ता और देश के चुनिंदा सांसदों की फेहरिस्त में शामिल सिटिंग एमपी "सुधीर गुप्ता" को लेकर नकरात्मक वातावरण निर्मित हो चुका है, संसदीय क्षेत्र में मोदी की ग्यारंटी और उनके कामों को जहाँ जनता की सराहना मिल रही है, तो वहीं जनता के अपेक्षाओं के आगे माननीय फिसड्डी साबित हो रहे है..."ग्यारंटी मोदी की लेकिन सांसद फिसड्डी" जैसे नारे संसदीय क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में गूंज रहे है...नीमच-मंदसौर संसदीय क्षेत्र को लेकर चुनावों से ठीक पहले सामने आए आंकड़े इस और इशारा कर रहे है, की मोदी के नाम पर माननीय होने का गौरव हासिल करने वालों के लिए भी राह इस बार आसान नही है...आंकड़ों के मुताबिक नीमच विधानसभा से भाजपा 10000 से जीत की ओर अग्रसर है, तो वही जावद से कांग्रेस तकरीबन 5000 वोटों से लीड ले सकती है इधर मनासा विधानसभा में भी भाजपा को 8000 मतों से लीड मिल सकती है, वहीं आंकड़ों के मुताबिक गरोठ भानपुरा क्षेत्र की बात की जाए तो भाजपा यहाँ लगभग 10000 वोट से भाजपा की जीत का दावा है...इधर माननीय की राह में जो रौड़ा है, वह सुवासरा और मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहाँ सुवासरा क्षेत्र से कांग्रेस को इस बार 10000 वोट से जीत तो वहीं मंदसौर विधानसभा में भी कांग्रेस अपना परचम लहराते हुए 5 से 7000 वोट से जीत दर्ज कर सकती है...कुल मिलाकर देश मे मोदी फेक्टर के बावजूद शत प्रतिशत रिकॉर्ड मतों से जीत का दावा यहाँ भाजपा प्रत्याशी के लिए उतना आसान नही रहा...जितना चुनावी दौर में ताल ठोक कर किया जा रहा है...!

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