इंदौर.//मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में नगरीय निकायों का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है. लेकिन इस पर कांग्रेस को आपत्ति है. इस फैसले को कांग्रेस अब कोर्ट में चुनौती देगी.कांग्रेस नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.कोरोना संकट के कारण मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य के सभी नगरीय निकायों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है. इस पर कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है इसमें एक प्रशासकीय समिति बनाने का फैसला किया गया है. समिति में महापौर और अध्यक्ष सहित पार्षद भी शामिल रहेंगे. लेकिन कांग्रेस इस फैसले का विरोध कर रही है. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने इस फैसले को अलोकतांत्रिक और न्यायालय की अवमानना बताया है. उनका कहना है जब इस मामले में उच्च न्यायालय में एक याचिका पहले से लंबित है तो ऐसी स्थिति में नगरीय निकायों का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसाल संविधान के विपरीत है. साथ ही मुख्यमंत्री ने यह असंवैधानिक निर्णय अपूर्ण कैबिनेट में लिया है. कोरोना संकट के नाम पर नगरीय निकाय का कार्यकाल बढ़ाने का तो वर्तमान सरकार को अधिकार ही नहीं है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कांग्रेस इस असंवैधानिक निर्णय का पुरजोर विरोध करेगी.साथ ही न्यायालय में चुनौती भी देगी.वर्मा ने कहा जिन महापौर और पार्षदों का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है,उन्हें प्रशासकीय समिति बनाकर एक साल के लिए दोबारा बहाल करना सीधे-सीधे संविधान के अनुच्छेद 243-ए का भी उल्लंघन है.आर्टिकल 243 में ये साफ़ उल्लेखित है कि नगरीय निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष से ज़्यादा नहीं हो सकता है. ऐसे में राज्यपाल लालजी टंडन को हस्तक्षेप करना चाहिए