भोपाल: मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि वह अयोध्या के राम मंदिर मसले पर अपनी पार्टी की लाइन पर ही चले हैं. वह हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं साथ ही अन्य सभी धर्मों का भी अत्यधिक सम्मान करते हैं. उन्होंने यह जवाब केरल में त्रिशूर से कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन द्वारा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी शिकायती चिट्ठी को लेकर दिया. टीएन प्रतापन ने पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के राम मंदिर निर्माण को समर्थन देने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि यह अस्थायी सफलता के लिए झुकना जैसा है.
इस शिकायती पत्र पर कमलनाथ ने कहा, 'राम मंदिर पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जो रूख था, मैं उसी पर हूं. इसे किसी अन्य परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाना चाहिए. राजीव जी ने (1985 में) राम मंदिर का ताला खुलवाया था. हम बाबरी मस्जिद गिराए जाने के खिलाफ थे. कांग्रेस का रुख साफ था कि हम इस पर अदालत के फैसले का पालन करेंगे.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनवाया था. मैं हिंदू धर्म में आस्था रखता हूं लेकिन, मैं अन्य सभी धर्मों का अत्यधिक सम्मान करता हूं. क्या भाजपा ने हिंदू धर्म का पेटेंट कराया है. क्या उन्होंने (भाजपा) धर्म और भगवान राम के लिए एजेंसी ली है.'
बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अयोध्या में पांच अगस्त को भगवान राम के मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के एक दिन पहले भोपाल में अपने सरकारी निवास पर राम दरबार सजाकर हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया था. हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते हुए उन्होंने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण के लिए प्रदेश की जनता की ओर से चांदी की 11 ईंट भेजेगी.
अयोध्या में पांच अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन के अवसर को देखते हुए कमलनाथ ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के मुख्य द्वार पर भगवान श्रीराम की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर भगवान श्री राम का पूजन किया था. इसके अलावा, उस दिन यहां कांग्रेस मुख्यालय पर भगवान राम की एक विशाल तस्वीर भी लगाई थी. रंगारंग आतिशबाजी और पूरे कार्यालय को रंगबिरंगी रोशनी से सजाने के साथ-साथ बैंड की धुन पर मधुर संगीतमय भजनों की प्रस्तुति होती रही. पूरा कांग्रेस कार्यालय जय-जय श्रीराम के नारों से गूंजता रहा.