निर्भया कांड के चौथे दोषी पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की है. इस याचिका में पवन ने मांग की है कि उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाए.
निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इस संबंध में निचली अदालत ने तीन मार्च को चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया है. एक दोषी पवन गुप्ता द्वारा दाखिल याचिका में मांग की गई है कि उसकी फांसी की सजा को तीन मार्च से पहले उम्र कैद में बदल दिया जाए. इस याचिका के बाद संभावना है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई कर इसे खारिज कर देगा, नहीं तो पवन के वकील सुप्रीम कोर्ट से तीन मार्च के डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग करेंगे. हालांकि, पवन के पास क्यूरेटिव याचिका के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का कानूनी अधिकार भी बचा है.
इस मामले में बाकी तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी है.पवन ने अभी तक क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं की थी, अब उसने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने की अपील की है.
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी. उसी महीने सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.