छोटीसादड़ी। //कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए 14 अप्रैल तक घोषित लॉकडाउन की आड़ मे व्यापारियों ने खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी शुरू कर दी है। प्रशासन ऐसे लोगों पर नकेल कसने की बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठा नजर आ रहा है। हालात यह हो गए हैं कि तेल,आटा, दालों के साथ-साथ फल, सब्जियों के दाम अचानक आसमान छूने लगे हैं। वहीं, प्रशासन द्वारा खाद्य पदार्थ उपलब्ध ना करवाए जाने की सूरत में लोग अपने स्तर पर ही सामान खरीदने को मजबूर हो गए हैं। ऊपर से कर्फ्यू की अवधि बढऩे की संभावना के बीच लोग जरूरत से कहीं अधिक सामान खरीदने लगे हैं। जिससे उपलब्धता घट और कालाबाजारी बढ़ रही है।
लोगों की शिकायत,अधिक दाम वसूल रहे दुकानदार....
लोग परचून की दुकान से सामान की खरीदारी कर रहे है तो सामान पर रेट से कई गुना अधिक वसूले जा रहे है। सोशल मीडिया पर लोगों ने निर्धारित दर से ज्यादा दाम लिए जाने की बात कही है। लोगों की शिकायत है कि दाल, चावल आटा, तेल और अन्य जरूरी वस्तुओं के दाम ज्यादा लिए जा रहे हैं। लोग जब रेट की बात करते है तो कहते है सामान लेना है तो ले, नहीं तो रहने दे, ऐसे में लोगों को न चाहते हुए भी अपनी जेबें ढीली करनी पड़ रही है।
सोशल डिस्टेंस का नही हो रहा पालन...
कोरोना (कोविड 19) संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए नित नई योजनाएं बना रहा है। इसके बावजूद सोशल डिस्टेंस का उद्देश्य जमीनी स्तर पर दम तोड़ता नजर आ रहा है। हालांकि पुलिस व प्रशासन माइक से लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए जागरूक कर रहा है लेकिन बाजारों में इसकी पूरी तरह पालना नहीं हो रही है।
गुटखा तम्बाकू के चार गुना दाम बढ़ाये....
लोकडाउन व धारा 144 का फायदा व
राज्य सरकार के आदेशो की धज्जियां उड़ाते हुए होलसेल गुटखा व्यापारी कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे है।छोटीसादड़ी में गुटखा व्यापारी ग्राहक की जेब पर लाखों का डाका डालकर गुटखा तंबाकु के दो, तीन गुना रुपये वसूल कर रहे है। विमल गुटके का जो पाउच पहले 5 में आता था उसके 20 तक वसूल किए जा रहे हैं। तंबाकू के पाउच भी इसी कीमत पर बेचे जा रहे हैं।