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शास्त्र सुनना और भगवत नाम स्मरण करना चाहिए ---स्वामी ज्ञानानन्द.....

भानपुरा ---संसार के सभी प्राणियों को चाहिए कि वे अपने कर्ण से शास्त्र सुने और मुँह से हमेशा भगवत नाम स्मरण करना चाहिए जिससे भवसागर पार हो सके यह उदगार भानपुरा पीठाधीश्वर अनंत तीर्थ स्वामी ज्ञानानन्द जी ने कथूरिया परिवार द्वारा आयोजित कथा महोत्सव में आज तीसरे दिन कही।आपने बताया कि मन्त्र मूर्ति और माला उत्कृष्टता के साधन है इसलिए सभी को इसका ध्यान करना चाहिए । परिवार के विवाद का कारण जिह्वा होती है अतः मीठा बोलना चाहिए ताकि परिवार में एकता बनी रहे ।आपने सन्तो की महत्ता बताते हुए कहा कि सन्त सभी ग्राम में रहते है और ये अदृश्य रहते है क्योंकि धरा उन्ही से टिकी है जिस प्रकार जलकुम्भी जल को छिपा देती है बादल सूर्य को छिपा देते है उसी प्रकार अज्ञान भी ज्ञान को छिपा देते है ।मर्यादा के बिना धर्म नही होता है और धर्म को परिभाषित नही किया जा सकता है । आपने सभी पुराणों का नाम सहित महत्त्व बताया और सभी देवताओं के वाहनों के बारे में विस्तार से बताया ।इससे पहले पोथी पूजन और गुरुपूजन कथूरिया परिवार के सदस्यों ने किया शेखर वधवा ने गुरु वन्दना सतगुरु में तेरी पतंग प्रस्तुत कीऔर शंकरलाल सेठिया लालचन्द दुबे अशोक गुप्ता मोहन लाल चतुर्वेदी नारायण दास वधवा नारायण माटा कैलाशचन्द्र टेलर ने भी गुरुजी से आशीर्वाद प्राप्त किया अंत मे 108 राम नाम माला और आरती से समापन हुआ । उल्लेखनीय है कि स्व मनोहरलाल कथूरिया भानपुरा के वरिष्ठ समाज सेवी रहे है तथा भानपुरा शंकराचार्य मठ निर्माण से लेकर संचालन में उनकी महत्त्व पूर्ण भूमिका है कई धार्मिक संस्थाओं से भी जुड़कर उन्होंने कई धार्मिक आयोजन करवाये । कथूरिया परिवार के सन्तोष बालकृष्ण श्याम गौरव नमन ने सभी का आभार व्यक्त किया है

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