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माफियाओं के खिलाफ सीएम शिवराज का आक्रमक अंदाज, ड्रग माफिया है बड़ी चुनोती,क्या राणा पर कसेगा शिकंजा

गुंडे बदमाशों और माफियाओं के खिलाफ सीएम शिवराज का यह आक्रमक अंदाज प्रदेश में सुशासन की एक नई व्यवस्था की और इशारा करता हुआ नजर आ रहा है...जिस पर सरकार की प्रतिबद्धता को भी सीएम शिवराज ने कड़े शब्दों में जाहिर करते हुए, तीखे तेवर माफियाओं के खिलाफ दिखाए है...!
ऐसे में बात की जाए प्रदेश में फैले ड्रग माफियाओं के सिंडिकेट और नशे के अवैध कारोबार की, तो क्या इस पर सरकार का शिकंजा कसेगा...?
प्रदेश के महानगरो सहित नीमच-मंदसौर जिलों में नशे के सौदागरों की एक बड़ी गेंग सक्रिय तौर पर काम कर रही है, जिनके सामने सीएम शिवराज के यह तीखे तेवर भी बेअसर साबित हो रहे है...मालवांचल में अफीम और डोडाचूरा की तस्करी से जुड़े नशे के सौदागरों की सामाजिक गतिविधियों में सक्रियता और हुकूमत में पकड़ उनके काले कारोबार पर पर्दा डालने का काम कर रही है...ऐसे में माफियाओं के खिलाफ शिवराज सरकार का एक्शन जमीनी तौर पर तो नजर तो आ रहा है, लेकिन नशे के कारोबार से जुड़े ड्रग माफिया, और कुख्यात तस्करों के खिलाफ सरकार का यह शिकंजा नाकाम है...
ताजा मामला हाल ही में मन्दसौर जिले की नारायणगढ पुलिस द्वारा की गई, एनडीपीएस की बड़ी कार्यवाही के दौरान सामने आया है...जहाँ 17 क्विंटल अवैध डोडाचूरा मामले में पुलिसिया पड़ताल के दौरान कुख्यात तस्कर राणा की संदिग्ध भूमिका सामने आने के बाद मामले में राजनीतिक उठापटक तेज होने लगी, और पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल उठाने के साथ ही राणा के समर्थन में प्रदेश सरकार के मंत्री और मल्हारगढ़ विधानसभा से विधायक जगदीश देवड़ा को एक ज्ञापन भी सौंपा गया...जिस पर मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन मंत्री देवड़ा की तरफ से दिया गया है...!
इधर मामले में मंदसौर पुलिस अधीक्षक की और से जारी बयान के अनुसार मोके से गिरफ्तार ट्रक ड्राइवर ने पूछताछ के दौरान राणा के नाम का खुलासा किया है...जिसके बाद मामले में कमल राणा को नामजद किया गया, ऐसे में क्या अब मंत्री जी माफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री की मंशा को चुनोती देंगे...यह बड़ा सवाल है...!
आपको बतादें की नीमच-मंदसौर सहित राजस्थान के कई इलाकों में राणा की आपराधिक गतिविधियों की एक लंबी फेहरिस्त रही है,,, जिसके खिलाफ तत्कालीन एसपी मनोज कुमार रॉय के निर्देशन में सायबर एक्सपर्ट योगेंद्र सिंह सिसोदिया व पुलिस टीम ने शिकंजा कसते हुए, राणा को राजस्थान के रणथम्बोर से दोबचा था...वही इस कार्यवाही के बाद सीएम शिवराज ने नीमच के तत्कालीन एसपी मनोज कुमार रॉय की पीठ थपथपाई थी...वहीं इसके विपरीत अब कमल राणा के आपराधिक ग्राफ को नजर अंदाज कर शिवराज सरकार के मंत्री कुख्यात तस्करों के कारनामों पर पर्दा डालने के प्रयास पर अपनी सहमति जताते नजर आ रहे है...ऐसे में क्या अब यह माना जाए...कि शिवराज के सुशासन पर तस्करों का जोड़तोड़ भारी पड़ेगा और अंचल में राणा जैसे तस्करों की अवैध गतिविधियां जारी रहेगी...

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