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मिलावट के खिलाफ सरकार के अभियान को खुली चुनोती, रसूखदारों के संरक्षण में पनप रहा, जहरीला कारोबार

प्रदेश में मिलावट खोरी के खिलाफ सरकार के अभियान को अब संरक्षण देने का जुगाड़ होने लगा है, कारोबारी अपने अवैध काम को अंजाम तक पहुँचाने के लिए संरक्षण दाताओं का सहारा ले रहे है, जहाँ बगैर किसी ख़ौफ के मिलावट का सामान तैयार किया जा सके...इसके लिए मिलावट के माफियाओं ने अपने नियत ठिकानों को बदलकर गुप्त स्थानों को चिन्हित किया है, जहाँ राजनीतिक रसूख लखने वाले लोग इस जहरीले कारोबार की ढाल बने हुए है...बात की जाए प्रदेश भर में मिलावट के खिलाफ शिवराज के शिकंजे की तो महानगरों में अभियान का असर तेजी से देखने को मिल रहा है, और मिलावटी कारोबारियों के खिलाफ रासुका जैसी कार्यवाही की जाकर मिलावट के ठिकानों को ध्वस्त करने जैसा सख्त कदम सरकार द्वारा उठाया जा रहा है,
ऐसे में बात करें खाद्य पदार्थो में मिलावट के गढ़ माने जाने वाले नीमच जिले की तो यहाँ मिलावट खिलाफ सरकार के इस अभियान का असर थोड़ा अलग है, जहाँ छोटे कारोबारियों के खिलाफ रासुका जैसी कार्यवाही की जा रही तो वहीं मिलावट के बड़े माफिया रसूखदारों के संरक्षण में अपने काम को अंजाम दे रहे है...जिनके खिलाफ प्रशासनिक छापेमारी महज जब्ती और जुर्माने पर आकर सिमट गई...
मिलावट के खिलाफ सरकारी आदेश पर खाद्य एवं ओषधि विभाग की कार्यवाहियां भी यहाँ मिलावटी माफियाओं के सामने बे असर है...!
शहर में एक और जहाँ बाकलीवाल जैसे तेल माफिया जिम्मेदारों से सांठगठ कर रासुका जैसी कार्यवाही से अब तक दूर है, जिनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मोके से बड़ी मात्रा में नकली, मिलावटी तेल प्रशासन ने जब्त करते हुए, कार्यवाही को अंजाम तो दिया, लेकिन भृष्ट तंत्र के आगे बाकलीवाल जैसे तेल माफिया रासुका की कार्यवाही से बच निकले...
तो वहीं शहर से बाहर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में जैन ब्रदर्स और एसवी का काला कारोबार जगदीश नागर जैसे रसूखदारों के संरक्षण में पनप रहा है...
मिलावट के खिलाफ सरकार के अभियान का प्रभावी असर बड़े कारोबारियों के खिलाफ साफ तौर पर बे-असर साबित हो रहा है...जो न सिर्फ जनता की थाली तक जहर परोस रहे है, बल्कि मिलावट के खिलाफ प्रदेश की शिवराज सरकार के अभियान को खुली चुनोती भी दे रहे है...!

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