विदेशों में जम चुकी है, नीमच के जहरीले कारोबार की जड़े, कार्यवाही के आंकड़ो पर तारीफों के पूल बांध रहे जिम्मेदार....
नीमच//मिलावट खोरी के खिलाफ सरकार का अभियान और प्रशासनिक कार्यवाहियां कितनी भी सख्त हो, लेकिन जहर के इस अवैध कारोबार में संलिप्तता रखने वालों, के हौंसलो कभी पस्त नही होते...? कार्यवाही के ख़ौफ से यहाँ वहाँ मंडराने वाले मिलावट खोरों के ठिकाने भले ही हर रोज बदल रहे है, लेकिन जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला मिलावट का यह कारोबार थमने का नही ले रहा है...एमपी से राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों तक फैला जहर का यह गोरखधंधा दिनों अपने ठिकाने बदल रहा है, लेकिन हिमाकत है, किसी की जो इस अवैध कारोबार को जड़ से मिटा सकें...!
यहाँ अब न तो किसी अभियान का ख़ौफ है, और न ही रासुका जैसी सख्त कार्यवाही का...स्थानीय जनप्रतिनिधियों का संरक्षण और सबंधित अधिकारियों से सांठगांठ मिलावट के काले कारोबार को अंजाम तक पहुँचाने को तैयार है...बीते कुछ समय मे मध्यप्रदेश के नीमच जिले और इसके बाद कार्यवाही के डर से राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों का रुख कर चुके, मिलावट खोरों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही का प्रभावी असर देखने को मिला है, लेकिन समय के साथ ही एक के चार करने वाले मिलावट खोर कारोबारी दोबारा अपने रंग में नजर आने लगे और लोगों को जहर परोसने के इस अवैध कारोबार को अंजाम तक पहुँचाने लगे है...मिलावट खोरों के खिलाफ तात्कालीन कमलनाथ सरकार से लेकर वर्तमान शिवराज सरकार और राजस्थान की गहलोत सरकार की सख्ती का असर जहाँ सामने आया था...वहाँ स्थित आज भी जस की तस है, और फर्क सिर्फ इतना है, की या तो मिलावट खोरों के ठिकाने बदल चुके है, या स्थानीय प्रशासन से सांठगांठ में बड़ी तब्दीली आ चुकी है...!
बात करे मध्यप्रदेश के नीमच जिले में मिलावट के जहरीले कारोबारियों की तो यहाँ ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी फायदे के इस गोरखधंधे में खुलकर उतर चुके है...
जो शहर के अंतरराष्ट्रीय मिलावट खोर कारोबारियों से जहर तैयार करने का ठेका ले चुके है...!
सबसे पहले हम बात करें जहरीली भट्टियों से जुड़े स्थानीय कारोबारियों की तो यहाँ जग्गा, योगेश गर्ग और चीनू अजमेरा जैसे जहर के काले कारोबारी सक्रिय तौर पर अपने अवैध काम को अंजाम तक पहुँचा रहे है...वहीं नीमच मंडी में मसाला उपज के एक प्रतिष्ठित एक्सपोर्ट कारोबारी जैन ब्रदर्स का कारनामा भी यहाँ कुछ कम नही है, जो भारत सहित विदेशों में जहर के इस कारोबार की जड़े जमा चुका है...!
ऐसे में क्या यहाँ किसी भी अभियान का असर कितना प्रभावी है...यह बड़ा सवाल है...? सरकारों के अभियान और सरकार के नुमाइंदे कार्यवाही के आंकड़ो के सहारे खुद की तारीफों के पूल तो बांधते है, लेकिन जहर के इस काले कारोबार पर अंकुश लगाने में सबंधित विभाग के जिम्म्मेदार अब तक विफल साबित रहे है...!