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क्या मिलावट के खिलाफ बदल चुका है, सरकार का रिएक्शन...? तीतर-बितर हुए मिलावट के माफियाओं ने फिर बिछाई बिसात....

नीमच//मिलावट के खिलाफ सरकार का जंगी प्रदर्शन अब धीरे-धीरे शांत हो चुका है, और इसके साथ ही मिलावट के माफियाओं की बांहे भी तन चुकी है, और वर्तमान हालातों के मद्देनजर इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि, यहाँ जहर के कारोबारियों की बेखोफी, राजनीति संरक्षण का प्रभाव और साथ ही जिम्मेदारों से सांठगांठ सरकार के सख्त अभियान पर भी भारी पड़ी है...!
राजधानी से लेकर छोटे से कस्बे तक मिलावट के खिलाफ एक्शन मोड़ में नजर आने वाली सरकार का रिएक्शन अब इस अवैध और जहरीले कारोबार के खिलाफ शायद बदल चुका है..."शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" सिस्टम की "अशुद्ध" कार्यप्रणाली की भेंट चढ़ गया तो वहीं सांठगांठ के इस खेल में आमजन के स्वास्थ की बलि चढ़ाने को मिलावटखोर दोबारा तैयार है...!
बात करे प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे नीमच जिले की तो पिछले कई दशकों से मसाला उपज में मिलावट खोरी का यह मुख्य केंद्र बिंदु रहा है...जहाँ जहरीले केमिकलों की मदद से भट्टियों में तपकर खाद्य पदार्थ तैयार होकर आमजन की रसोई तक पहुँचता है, नीमच में पनपने वाला जहर का यह कारोबार देश भर के बड़े शहरों सहित विदेशों में भी अपनी जड़ें जमा चुका है...हाल ही में मिलावट के खिलाफ सरकार के अभियान के तहत मसाला उपज में मिलावट का सबसे बड़ा अवैध कारोबार सम्भवतः नीमच में सामने आया जहाँ सबंधित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी भी की गई, और फर्म संचालक के खिलाफ रासुका भी लगाई गई...लेकिन इसके बाद भी मिलावट को जड़ से खत्म करने में यहाँ सिस्टम नाकामयाब रहा, कार्यवाही के डर से काले कारोबारियों ने ठिकाने जरूर बदले लेकिन अपना गोरखधंधा नही...और कुछ समय के लिए तीतर - बितर शहर के कुख्यात मिलावट खोर दोबारा अपने ठिकानों से इस अवैध कारोबार को अंजाम देने लगे है...!
शहर में चारों और औद्योगिक इकाई की आड़ में मसाला उपज की जहरीली भट्टियां संचालित हो रही है...और ऐसे में कार्यवाही के नाम पर विभाग की उदासीनता साफ तौर पर झलक रही है, जो काले कारोबारियों से सांठगांठ की मिलावट के चलते आंख मूंदे बैठा है...!
इधर बात करें राजस्थान क्षेत्र की तो हाइवे किनारे डेरा जमाए मिलावट के माफियाओं का दायरा कार्यवाही के डर से थोड़ा बढ़ चुका है, लेकिन अवैध कारोबार का सिलसिला थमा नही और हाइवे से सटे ग्रामीण इलाकों से इस गोरखधंधे को अंजाम तक पहुँचाया जा रहा है...ऐसे में आवश्यकता है, सरकारों के सख्त कदम और निरन्तर प्रभावी कार्यवाही की ताकि मिलावट के इस नासूर को जड़ से खत्म किया जा सके...!

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