बेख़ौफ़ मिलावट खोरों के आगे "बेबस" हुआ "सिस्टम" नाका नंबर 4 और "नीरज-पंकज" का काला कारोबार...? अभियान का निकला "दम" और सरकार के दांवों को खुली पोल...?
नीमच//मिलावट खोरों के खिलाफ सरकार का अभियान भले ही प्रभावी ढंग से अपना असर नही दिखा पाया हो, लेकिन सिस्टम की लाचारी और बेबसी के चलते मिलवाट के माफियाओं की नापाक मंशाओं का असर जरूर देखने को मिल रहा है, जो सरकारी तंत्र और उसके अभियानों की धज्जियां उड़ाते हुए, बेखोफी के साथ एक बार फिर जहरीले कारोबार में बांहे फैलाकर उतर चुके है, जहाँ न तो सरकार के किसी अभियान का असर है, और स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही का ख़ौफ...कोई अपने आकाओं के संरक्षण में मिलावट खोरी को अंजाम दे रहा है, तो कहीं सोर्टेक्स प्लांट की आड़ में जहर के इस कारोबार को शहर के अलग अलग इलाको में बिना किसी डर के संचालित किया जा रहा है...इसके साथ ही मसाला उपज व अन्य जिंसों को चमक देने वाली जहरीली भट्टियों के खिलाफ होने वाली कार्यवाहियों से बचने के लिए सरकार की और से मंशा अनुरूप राहत पाने वाले मिलावट खोर, इसकी आड़ में हानिकारक केमिकलों का उपयोग कर उपज को गुणवत्ता के नाम पर जहरीला बना रहे है,,, इस बीच सबंधित फर्म व संचालको के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर जिम्मेदार अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए है...जिन्हें न तो सरकार के आदेशों से कोई इल्म है, और आमजन के स्वास्थ से कोई सरोकार...मसलन मिलावट का यह काला कारोबार जिम्मेदारों से सांठगांठ के रास्ते के अपने मुकम्मल अंजाम तक पहुँच रहा है...जहाँ सरकार के सारे "दावे" खोखले साबित हो रहे है, तो वहीं माफियाओं के खिलाफ अभियानों का भी दम निकल रहा है...मंडी से जुड़े अदने से कारोबारियों के सामने सिस्टम की बेबसी यहाँ साफ झलक रही है...जो खुले आसमान में मिलावट खोरी को अंजाम देकर आमजन की थाली तक जहर परोसने का कृत्य कर रहा है...जिसका एक बड़ा उदाहरण शहर का नाका नंबर चार है, जहाँ नीरज-पंकज जैसे मिलावट के माफियाओं का अवैध कारोबार बेखोफी के साथ पनप रहा है...
जहाँ मिलावट के खिलाफ सरकारी फरमान और स्थानीय प्रशासन की सख्ती की दम तोड़ रही है....!