एसीबी के एक्शन में आते ही भूमिगत हुए, घूसकांड में शामिल दलाल...... लेब में पदस्थ कर्मचारी "चंपा" को उपलब्ध कराते थे, किसानों की सूची...... वसूली को अंजाम देने, किसानों को ख़ौफ जदा करने का जिम्मा था, "चंपा" के पास...... अफीम फेक्ट्री में "चंपा" की घुसपैठ और काली कमाई से जुड़े सफरनामे की छानने की होगी खाक.....?
नीमच//काले सोने के खेल में किसानों से करोड़ो की वसूली कर अफीम फेक्ट्री घूसकांड के दलदल में धंसे दलालों की गर्दन तक एसीबी का फंदा अब जल्द ही पहुँचने वाला है, जानकारी के मुताबिक एसीबी द्वारा जुटाए गए, तथ्यों में ऐसे कई राज सामने आए है, जिसनें कारखाने के अंदर मौजूद घूसखोरों और बाहरी दलालों को बे-नकाब कर दिया है,,,हालांकि घूसकांड मामले में एसीबी कार्यवाही की इस प्रकिर्या को गोपनीय रखते हुए, लगातार दबिशें दी जा रही है, और दलाल गिरोह के सदस्यों को चिन्हित किया जा रहा है...वहीं सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार एसीबी के एक्शन में आते ही, घूसकांड मामले में शामिल दलाल "चंपा" और अफीम फेक्ट्री की प्रयोगशाला में पदस्थ रहे, एक कर्मचारी के भूमिगत होने की खबर है...बताया जा रहा है, की प्रयोगशाला में पदस्थ कर्मचारी दलाल "चंपा" को किसानों की सूची उपलब्ध करवाता था, जिसके आधार पर "चंपा" गांव-गांव में अफीम काश्तकारों से सम्पर्क कर उनसे मार्फिन की मात्रा और पट्टे बचाने के नाम पर उन्हें ब्लेक मेल कर मोटी वसूली करता था, और काले सोने की शुद्धता परखने वाली इस प्रकिर्या में किसानों को अनावश्यक रूप से "इमोशनल ब्लेकमेल" का शिकार "चंपा" और घूसखोर अधिकारियों द्वारा बनाया जाता था...!
आपको बतादें की अफीम फेक्ट्री घूसकांड मामले में एसीबी के गलियारों तक हलचल मचा रहा "चंपा" काले सोने के इस खेल का मुख्य सूत्रधार है...जो कुछ सालों पहले तक एक साधारण ट्रेवल्स संचालक था...
जिसनें ट्रेवल्स के अपने धंधे को अफीम फेक्ट्री जैसे संवेदनशील संयंत्र में स्थापित किया और अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराने के साथ ही "चंपा" उन्हें अपनी महक से मदहोश भी करता रहा...धीरे धीरे चंपा ने कारखाने के हर छोटे- बड़े अधिकारी के बीच गहरी पैठ जमाई और चंपा की यह घुसपैठ अफीम किसानों से वसूली का एक जरिया बन गई...अफीम की गढ़ता और पट्टे बचाने के डर से किसानों को ख़ौफ़ज़दा करने का काम भी चंपा के ही जिम्मे था, ताकि मोटी वसूली आसानी से हो सके...!
बहरहाल डॉ शशांक यादव के खिलाफ एसीबी की इस बड़ी कार्यवाही के बाद घूसकांड की काली कोठरी में कई ऐसे काले चेहरे अभी भी छिपे है, जिनका बे पर्दा होना अभी बाकी है...और उन्ही में से एक है, दलाल "चंपा" जो अफीम फेक्ट्री से जुड़े घूसखोरों के लिए किसानों को लूटने का मुख्य माध्यम बना, और ट्रेवल्स संचालक के रूप में घुसपैठ करने वाला यही "चंपा" आज पुराने आरटीओ ऑफिस का मालिक बनकर देव कृषि बाजार का संचालन कर रहा है...ऐसे में एसीबी को दलाल "चंपा" के इस सफरनामे की भी बारीकी से खाक छानने की आवश्यकता है, ताकि अल्प समय मे एक लंबी उड़ान भरने, और किसानों से करोड़ो की वसूली करने वाले इस दलाल की काली कमाई का पैमाना भी उजगार हो सके...!