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प्रशासनिक संरक्षण में भूमाफियाओं द्वारा किए जा रहा अवैध अतिक्रमण..... 100 करोड़ से अधिक की शासकीय भूमि पर बढ़ता जा रहा माफियाओं का कब्जा..... सिंगोली में शासन की बेशकीमती जमीनों पर करोड़ो का खेल.....

सिंगोली//सिंगोली तहसील क्षैत्र मैं विगत लंबे समय से प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खुले संरक्षण ओर मिलीभगत के चलते भू माफियाओं के हौसले बुलंद है। माधव विलास मोती महल से लेकर तिलस्वा रोड नीमच रोड बेगू रोड पर 100 करोड़ से ज्यादा की शासकीय भूमि पर भू माफियाओं का अवैध कब्जा निरंतर बढ़ता जा रहा है लाखों के लेनदेन होना आम बात हो गई है।
नगर में शायद ही ऐसी कोई जगह बची हो जहां पर माफियाओं ने शासन की भूमि पर कब्जा नहीं जमाया हो नगर में खाली पड़ी भूमियों की यह स्थिति बन गई है कि सरकार को अगर अपने लिए शासकीय भवन की बिल्डिंग बनाने और नगर व जनता के हित के लिए कोई सामुदायिक बिल्डिंग बनाना हो तो भी जगह ढूंढने के लिए भारी मशक्कत करना पड़ती है।
ऐसे ही उदाहरण पूर्व में नगर में देखने को मिले हैं जहां विद्युत सप्लाई के लिए स्वीकृत विद्युत ग्रिड को जगह की कमी के चलते अन्य जगह स्थापित करना पड़ा तो नगर को मिलने वाले सामुदायिक भवन के लिए भी जगह नहीं मिलने के कारण वह सौगात भी नगर को नसीब नहीं हो पाई है नगर में भूमाफियाओ के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे मध्यप्रदेश शासन की बेशकीमती शासकीय भूमियो को बेचने से भी नही कतरा रहे हैं। नगर में आए दिन कुकुरमुत्ता की तरह पनप रहे है भू माफियाओं द्वारा की गई शासकीय जमीनों की हेराफेरी की गहनता और बारीकी से जिला प्रशासन के उच्च अधिकारीयो द्वारा ईमानदारी से जांच की जाए तो एक बहुत बड़ा शासकीय जमीनों को खुर्द खुर्द करने का महाघोटाला उजागर हो कर सामने आ सकता है। वर्तमान में नगर के राजीव आवास योजना और उसके आसपास परिषद क्षेत्र के आधिपत्य की जमीनों और छात्रावास के नजदीक खाली पड़ी जमीनों सहित नगर के अन्य ऐसे कई इलाके हैं जहां पर भूमाफिया अपनी गिद्ध दृष्टि जमा कर शासकीय जमीनों को हड़प कर अन्य जगहों के भूमि नंबरों को इन जगहों के दिखाकर लाखों रुपए में खुर्द बुर्द करने के कार्य को अंजाम दे रहे है। ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक उच्च अधिकारियों को इसकी भनक ना हो बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मौन धारण करने और बड़ी कार्रवाईयों को अंजाम नहीं देने की वजह से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा माफियाओं के विरुद्ध चलाए गए अभियान को भी पलीता लग कर भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है। जिसकी वजह से भू माफिया आए दिन मालामाल हो रहे हैं और शासन को लाखों रुपए राजस्व का चूना लगा रहे हैं । इतना ही नहीं शासकीय भूमियों को खुर्द बुर्द करने में लगे भू माफियाओं कि अगर कोई जागरूक या गरीब तबके के नागरिक द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत की जाती है तो उसे भी खुलेआम धमकियां दी जाने लगी है नगर में लंबे समय से निर्बाध रूप से संचालित अवैध कारोबार की जानकारी उच्च अधिकारियों को होते हुए भी आखिर अधिकारी मौन क्यों हैं? जबकि शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त अधिकारियों के यहां फाइले धूल खा रही है। अब तो नगर में भू माफियाओं ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि ये शासकीय भूमियो के साथ साथ साथ आसपास लगी नीजी खाते की जमीनो पर भी अपना कब्जा करने का प्रयास करने लगे है। जिससे नगर में आए दिन झगड़े भी देखने को मिल रहे हैं समय रहते प्रशासनिक अधिकारियों ने इमानदारी पूर्वक माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया तो हो सकता है नगर में कभी भी रक्त रंजित जैसी बड़ी घटना भी देखने को मिल जाये तो कोई बड़ी बात नही है।
क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि को भी इस और संज्ञान लेकर भू माफियाओं द्वारा की गई करतूतों की निष्पक्ष जांच करवा कर इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाना चाहिए ताकि अपने निर्वाचन क्षेत्र में शांति और सद्भावना बनी रहे और बड़ी घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।

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