तस्कर की भूमिका में खड़ा हो गया, मंडी का प्रतिष्ठित पोस्ता कारोबारी.....? बाबू के साथ आधा दर्जन कारोबारियों की भी छाननी होगी खाक...... मालवा की मंडी से निकला तस्करी का नासूर, देश भर में बोटर रहा सुर्खियां....... एनसीबी के साथ स्थानीय प्रशासन को भी अब दिखानी होगी सख्ती.........
दीपक चौहान की विशेष रिपोर्ट
नीमच//मादक पदार्थो की तस्करी और तस्करों का पनाह गाह माना जाने वाला मध्यप्रदेश का मालवा अब कृषि उपज मंडी की कारोबारी गतिविधियों को लेकर देश भर में खासी सुर्खियां बटोर रहा है, जहाँ कई दशकों से मंडी लाइसेंस के साथ संचालित किए जा रहे, पोस्ता कारोबार और इसके पीछे जन्मी मादक पदार्थो की तस्करी ने नीमच मंडी के समूचे कारोबारी जगत को हिलाकर रख दिया है, एक कार्यवाही के साथ ही इस बात का भी पटाक्षेप हो गया कि, मंडी में वैध कारोबार की आड़ में अब तक कई अवैध गतिविधियों का संचालन बेखोफ किया जाता रहा है...और इसे अंजाम देने वालों में कई सफेदपोश नामचीन मंडी कारोबारी शरीक थे, जो समाज के बीच प्रतिष्ठित व्यवसायी के किरदार में नजर आते रहे है, एक पेशेवर तस्कर की तरह मंडी का पोस्ता कारोबारी नशे के सामान की सौदेबाजी इसके सौदागरों के बीच करता रहा, और कानून से खेलता रहा, जहाँ सिस्टम की अनदेखी के चलते एक प्रतिष्ठित पोस्ता कारोबारी कुख्यात तस्कर की भूमिका में खड़ा हो गया...और इन सबके बीच हैरान कर देने वाली बात तो यह है, की स्थानीय पुलिस और प्रशासन का डंडा इस अवैध कारोबार के खिलाफ कभी भी सख्ती से नही चल सका...नतीजा बेखोफी के आलम में पोस्ता कारोबारियों के रूप में तस्करों का एक बड़ा गिरोह खड़ा हो गया, जो सक्रिय तौर पर मादक पदार्थो की तस्करी में संलिप्त होकर अपने काम को अंजाम तक पहुँचाता रहा...ऐसे में मंडी के चर्चित पोस्ता कारोबारी बाबू सिंधी के ठिकानें पर केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की छापामार कार्यवाही ने पोस्ता कारोबार की हकीकत से पर्दा उठाने के साथ ही प्रतिष्ठित कारोबारियों के पीछे छिपे तस्कर चेहरों को भी बे-नकाब कर दिया है...और इस खुलासे के साथ ही यह भी तय हो गया कि, कृषि उपज मंडी का वैध कारोबार कई अवैध गतिविधियों से होकर अपने अंजाम तक पहुँचता है, जहाँ पोस्ता कारोबार की आड़ में मादक पदार्थो की तस्करी को भी अंजाम दिया जा सकता है...यहाँ एनसीबी की कार्यवाही में भले ही "बाबू" जैसे पोस्ता कारोबारी की हकीकत कुख्यात तस्कर के रूप में सामने आई है, लेकिन काली कमाई के इस अवैध कारोबार से जुड़े तकरीबन आधा दर्जन पोस्ता कारोबारी आज भी जांच एजेंसियों की निगाह से दूर है, जो बाबू को बड़े पैमाने पर नशे का सामान उपलब्ध कराते थे, और मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त सरगनाओं की इस सूची में मुकेश बंसल, शैलेन्द्र गर्ग, टीना&टीना, और सूरज-चांद के टुकड़े दीपक अग्रवाल जैसे प्रतिष्ठित तस्करों के नाम शामिल है...?जिनकी कारोबारी गतिविधियों की खाक छानना अब स्थानीय प्रशासन के लिए भी जरूरी है...!