धन्ना की गाड़ियों में नशे की मंडी तक पहुँचता था, तस्करी का माल.... रैकेट से जुड़े कुख्यात तस्करों तक पहुँचने में ट्रांसपोर्ट कारोबारी बन सकता है, अहम कड़ी.... ? मादक पदार्थो के अवैध परिवहन में बाबू का खास सहयोगी था, धन्ना और उसका पुत्र...... पहले नाकोड़ा ट्रांसपोर्ट आया था सुर्खियों में,अब
नीमच//तस्कर बाबू सिंधी के खिलाफ नारकोटिक्स ब्यूरो की प्रभावी कार्यवाही के बाद अब उससे जुड़े तस्कर गिरोह के अन्य सदस्यों की सांसे भी फूलने लगी है, बाबू की काली कमाई को ठिकानें लगाने वालों से लेकर, मादक पदार्थो का अवैध परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्ट कारोबारी एनसीबी की रडार पर है, जो बाबू की रिमांड अवधि खत्म होने के साथ ही, सलाखों के पीछे धकेले जा सकते है...? बाबू के काले कारोबार में उसका हर मूवमेंट पर साथ देने वालों की एक लंबी फेहरिस्त एनसीबी के संज्ञान में आने की खबर सामने आई है, जिनके खिलाफ शिकंजा कसने का सीक्रेट प्लान भी तैयार किया जा चुका है, रैकेट से जुड़े ऐसे ही कुछ संदिग्धों को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने चिन्हित किया है, जो गिरोह के मुख्य सरगना "बाबू" के साथ मिलकर तस्करी के अवैध कारोबार में लंबे समय से सक्रिय भूमिका में थे, बताया जाता है, की मादक पदार्थो से जुड़े हर अवैध काम को अंजाम देने के लिए "बाबू" अपने गिरोह के सदस्यों को मुँह मांगी कीमत चुका था, जहाँ सबसे अहम भूमिका में मादक पदार्थो को ठिकानें वाला ट्रान्सपोर्ट कारोबारी शामिल था, जो कुख्यात तस्कर "बाबू" के लिए कृषि उपज के बीच काला दाना, डोडाचूरा और धुलापली जैसे नशीले पदार्थो को अन्य प्रांतों में डिलीवर करने का काम करता था...बाबू तस्कर के नीमच औद्योगिक क्षेत्र स्थित ठिकानें से मादक पदार्थो की खेप भरने का काम शहर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी कृष्णा रोड़ लाइंस के जिम्मे था, जिसका संचालक धन्ना चाचा और उसके पुत्र मोनू के संरक्षण तस्करी का सामान पंजाब, हरियाणा में कुख्यात तस्करों के ठिकानों तक पहुँचाया जाता था...एक और पोस्ता कारोबार सहित अन्य कृषि उपज की आड़ में बाबू तस्करी के कारोबार का सरगना बन चुका था, तो वहीं दूसरी और ट्रांसपोर्ट कारोबार की आड़ में मादक पदार्थो के अवैध परिवहन का मास्टर माइंड धन्ना चाचा और उसका पुत्र मोनू था ..!
बाबू के खिलाफ एनसीबी की कार्यवाही के बाद से ही धन्ना के पुत्र मोनू की छटपटाहट सामने आने लगी थी, जो अंतिम समय तक "बाबू" को नारकोटिक्स के शिकंजे से बचाने की नाकाम कोशिश करता रहा, इस दौरान मामले में सेटलमेंट की मंशा से मन्दसौर से खरीद-फरोख्त की फिराक में नीमच पहुँचा बाबू का भाई भी धन्ना चाचा और उसके पुत्र मोनू के सम्पर्क में आया, जिन्हें न्यायालय परिसर में मंडराते हुए भी देखा गया...!
बतादें की तस्करी के कारोबार में बाबू का सारथी बना धन्ना पूर्व में भी मादक पदार्थ से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों को लेकर चर्चाओं में आया था...वहीं ट्रांसपोर्ट कारोबार में अक्सर अपने कारनामो को लेकर धन्ना चाचा सुर्खियों में रहा है...इसके साथ ही धन्ना की काली कमाई को सट्टा कारोबार में ठिकानें लगाने में भी उसके पुत्र मोनू ने कोई कसर नही छोड़ी...जिसकी भरपाई करने के लिए धन्ना चाचा ने "बाबू तस्कर" का हाथ पकड़ा और तस्करी के काले कारोबार में मादक पदार्थो के अवैध परिवहन कर्ता के रूप में उसका खास सहयोगी बना....!
काले कारोबार में "तस्कर बाबू" के साथ धन्ना चाचा का किरदार कुछ इस ऐसा था, की कृष्णा रोड़ लाइंस मादक पदार्थो की तस्करी का चर्चित नाम बन गया, जिसके संचालक धन्ना चाचा और उसके पुत्र ने बाबू के लिए तस्करी का माल देश भर में नशे की मंडियों तक पहुँचाया...!
नारकोटिक्स की छानबीन में यहाँ "बाबू तस्कर" से जुड़े रैकेट में ट्रांसपोर्ट कारोबारी धन्ना चाचा एक ऐसी अहम कड़ी साबित हो सकता है, जो देश भर में मादक पदार्थो के अवैध कारोबार से जुड़े कुख्यात तस्करों के सिंडिकेट का पर्दाफाश करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा...साथ ही नीमच की पोस्ता मंडी से जुड़े उन सफेदपोश कारोबारियों के चेहरे भी उजागर होंगे, जो पोस्ता कारोबार की आड़ में "बाबू तस्कर" को नशे का सामान मुहैया कराते थे...!