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तेल माफियाओं की बेखोफी, कम वजन, मिलावटखोरी और फर्जी ब्रांड..... सरकारी अभियान की भी उड़ी धज्जियां, खुलेआम होने लगी पॉम तेल की मिलावट..... स्किम no 9 स्थित गोयल सेल्स के ठिकानें में जमा हुआ मिलावट का सामान.......

नीमच//मिलावट खोरी के खिलाफ सरकारों के अभियान और स्थानीय प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्यवाहियां न सिर्फ आज बे- असर नजर आ रही है, बल्कि मिलावट के माफियाओं की बेखोफी को भी साफ तौर पर बंया कर रही है, जहाँ माफियाओं की कारगुजारियां अभियान की नाकामी को जाहिर करते हुए, दोबारा काले कारोबार में सक्रिय तौर पर अपनी जड़ें जमा चुकी है, जिन्हें न तो आमजन के स्वास्थ्य से कोई सरोकार है, और न रासुका जैसी सख्त कार्यवाही का कोई ख़ौफ, मसलन मिलावट के इस समंदर में शहर का मंडी कारोबारी से लेकर तेल माफिया तक खुलकर गोते लगा रहा है, जहाँ जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मुकदर्शक की भूमिका में खड़े होकर, सिर्फ तमाशबीन बने हुए है,,,और मिलावट के माफिया जनता को मिलावट का जहर परोसने पर आमदा है...!
खाद्य पदार्थो में मिलावट का जहर घोलने वालों के खिलाफ एक्शन मोड़ में नजर आने वाला सिस्टम आज मिलावट के खिलाफ सांठगांठ के सिस्टम में बदल गया है, जिसके चलते तेल माफिया गोयल सेल्स के संचालको की कारगुजारियां दोबारा सामने आने लगी है...बतादें की शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के स्किम no9 स्थित गोयल सेल्स के ठिकानें पर प्रशासनिक अमले ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए, तकरीबन 10 लाख रुपए के मिलावटी तेल सहित, मौके से मिलावट खोरी में उपयुक्त उपकरणों को जब्त किया था, छापेमारी के दौरान खाद्य विभाग की टीम ने गोयल के ठिकानें पर पॉम तेल की मिलावट को रंगे हाथों पकड़ा था, जिसके बाद कुंडला वाले गोयल बंधुओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ ही स्किम no9 स्थित गोयल सेल्स के ठिकानें को भी सील कर दिया गया...इस कार्यवाही के बाद गोयल बंधुओ ने अपना ठिकाना बदला और खाद्य तेल का अपना कारोबार दोबारा शुरू किया, लेकिन इस बीच गोयल बंधुओ की करतूतों पर कोई अंकुश नही लगा, बताया जा रहा है, की तेल माफिया गोयल ने अपने पुराने ठिकानें पर बड़ी मात्रा में पॉम तेल की खेप जमा कर रखी है, जिसे सोयाबीन तेल में मिलावट के लिए चोरी छिपे नए ठिकानें पर ले जाया जाता है...!
गोयल सेल्स के अभिनव के संरक्षण में मिलावट खोरी की यह काली करतूत अनुकूल समय मे की जाती है, ताकि मिलावट खोरी को अंजाम भी दिया जा सके, और कार्यवाही के दौरान मौके पर पॉम तेल भी ना मिले, अब ऐसे में सोयाबीन तेल के नाम पर पॉम ऑइल की मिलावट करने वाले गोयल बंधुओ की करतूतों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है, की मिलावट के माफियाओं की बेखोफी का आलम क्या है...? स्थानीय प्रशासन को यहाँ नींद से जगाकर तेल माफियाओं की गतिविधियों पर अब दोबारा निगाहे बान करने की आवश्यकता है, जो प्रशासन को गच्चा देकर जनता की थाली तक जहर परोसने को एक बार फिर तैयार हो चुके है...!

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