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"एमडीएमए ड्रग" कारोबार की नीमच में हुई एंट्री.... क्रिकेट सट्टा कारोबार से जुड़े माफियाओं ने बिछाई बिसात...... देश के महानगरों सहित दुबई से संचालित हो रहा, नशे का नेटवर्क......? सट्टे से लेकर नशे के कारोबार में पुलिस के कुछ ज्ञान चंद की भूमिका भी है, संदिग्ध......?

नीमच//अफीम, डोडाचुरा और हेरोइन की तस्करी के लिए देश भर में विख्यात मालवांचल का नीमच जिला अब "MDMA" ड्रग कारोबार में सुर्खियां बटोरता हुआ नजर आ रहा है, जहाँ इस खतरनाक ड्रग का इस्तेमाल हाईप्रोफाइल घरानों से जुड़े युवाओं द्वारा किया जा रहा है, बड़े शहरों में अधिकांश पार्टियों में परोसा जाने वाला यह नशीला ड्रग अब छोटे शहरों में भी अपने पांव पसार चुका है, जहाँ "ड्रग पैडलर" युवा पीढ़ी को बड़ी आसानी से मौत का यह सामान उपलब्ध करा रहे है...!
नीमच में "एमडीएमए" ड्रग माफियाओं का यह नेटवर्क इंदौर,अजमेर, मुम्बई, और दुबई से चलाया जा रहा है, जहाँ स्थानीय "ड्रग पैडलर" इसकी सप्लाय मोटी कीमत पर युवा पीढ़ी के बीच करते है...आपको बतादें की बॉलीवुड अभिनेता शुशांत सिंह की मौत के बाद जांच एजेंसियों की पड़ताल और मामले में संदिग्धों की गिरफ़्तारियों के बाद से ही "एमडीएमए" ड्रग खासी चर्चाओं में आया था, यह एक प्रकार का पार्टी ड्रग है, जिसे दिमागी उत्तेजना बढ़ाने और गुड फिलिंग के लिए अधिकांश युवा पीढ़ी इस्तेमाल करती है, लेकिन इसके साथ ही इसका सेवन करने वालों के लिए यह उतना ही खतरनाक भी है, जिसमें सबसे ज्यादा डिप्रेशन का शिकार इस ड्रग को लेने वाले हो सकते है...एनडीपीएस अधिनियम के तहत पूर्णतः प्रतिबन्धित यह इस खतरनाक ड्रग का कारोबार ड्रग माफियाओं द्वारा अब तक बड़े शहरों में एक्टिव था, लेकिन बड़े शहरों से निकला ड्रग डीलरों का मौत का यह जाल अब छोटे शहरों में भी अपने पांव पसार चुका है, जहाँ युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आकर अपना जीवन "ड्रग पेडलरों" की बहकावे में आकर बर्बाद कर रही है...!
बात करें नीमच जैसे छोटे शहर में "एमडीएमए" के जहरीले कारोबार की तो यहाँ सट्टा कारोबार से जुड़े माफियाओं ने कुख्यात डीलरों का नेटवर्क संचालित किया हुआ है, जिनके तार शहर के कई नामी सटोरियों के साथ जुड़े है,,,,जो अपनी अय्याशीयो को पूरा करने के लिए, "ड्रग पेडलरों" की जड़े मजबूत करने में उनकी मदद कर रहे है...और एमडीएमए ड्रग की यही जड़े शहर में युवा पीढ़ी के भविष्य को खोखला कर रही है...
अब ऐसे में पुलिस नारकोटिक्स या अन्य कोई जांच एजेंसी नशे के इस अवैध कारोबार के खिलाफ कितनी सख्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की क्रिकेट सट्टे से जुड़े माफिया "एमडीएमए ड्रग' कारोबार की एंट्री भी नीमच जैसे छोटे शहर में बेखोफी के साथ कर चुके है...और यहाँ महकमे से सबंन्ध रखने वाले कुछ ज्ञानचंद पुलिस कर्मी इनके संरक्षण दाता बनकर तथाकथित रूप से अपना फर्ज निभा रहे है...हाल ही में एक फोटो शोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सटोरियों की पार्टी में ज्ञानचंद की शिरकत भी साफ नजर आ रही है, अब ऐसे में सट्टा माफिया हो या एमडीएमए ड्रग माफिया शिकंजा इनके खिलाफ कसेगा कौन यह बड़ा सवाल है...?

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