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माफियाओं के साथ जश्न मनाने वालों से की जा रही सुशासन की उम्मीद...? सरकार के दांवों को खोखला साबित करने में जुटा शिवराज का सिस्टम..... माफियाओं को क्षय देने वाले अभी कितने ही ठाकुर और पंकज हो सकते है, बेपर्दा...? जिम्मेदारों की गाइडलाईन पर चल रहा सट्टा माफियाओं का नेक्सेस......

नीमच//सट्टा माफियाओं से लेकर मादक माफिया, भूमाफिया और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त गुंडातत्व के खिलाफ सरकार का एक्शन किस कदर अपना प्रभाव दिखा रहा है, इसका एक बड़ा उदाहरण पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सामने आ चुका है, जहाँ तस्कर गतिविधियों में संलिप्त माफियाओं की बर्थडे पार्टी की रौनक बढ़ाते हुए, पुलिस महकमे से जुड़े जिम्मेदारों के चेहरे उजागर हुए, हालांकि मामले में जिले के एसपी सूरज कुमार वर्मा द्वारा त्वरित संज्ञान लिया गया और तस्कर के साथ जश्न में शामिल पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही का कदम उठाने के साथ ही, बन्दूक से अपने जन्मदिन का केक काटने वाले तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सबनांनी के क्रियाकलापों के खिलाफ भी कार्यवाही के आदेश जारी किए, जिसके बाद स्थानीय सिटी थाने में बाबू सिंधी उर्फ जय सबनांनी पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ, और कोर्ट में पेशी के बाद बाबू का रिमांड पुलिस को मिला है, जिसमें कड़ी पूछताछ बाबू से की जाएगी...!
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब सरकार के दांवों और धरातल पर उसकी हकीकत पर सवाल उठना भी लाजमी हो जाता है, जहाँ अपराधियों से गठजोड़ और उनके साथ जश्न में शरीक होने वाले जिम्मेदार अधिकारियों से शिव"राज" में सुशासन की उम्मीद की जा रही है...?
निश्चित ही यह कोई पहला घटनाक्रम नही है, जिसमें पुलिस और माफियाओं के बीच सबंधो का नजारा इस तरह सामने आया है...? इसके पूर्व भी कितने ही कुख्यात तस्करों, सटोरियों और चिन्हित माफियाओं के साथ पुलिस का गहरा रिश्ता रहा है, जो सार्वजनिक नही हो सके...खांकि से जुड़े कुछ भृष्ट जिम्मेदारों की गाइडलाईन पर सट्टा माफिया से लेकर मादक माफिया, अपनी गतिविधियों को बेखोफ अंजाम अब तक देते आये है, और इस बीच कार्यवाहियों की सम्भावनाओ पर भी बराबर निगाह रखी जाती है, जिसके चलते कुख्यात तस्करों और सट्टा कारोबार से जुड़े माफियाओं को दबोचने में अक्सर पुलिस का तंत्र हर प्रकार से नाकाम साबित हो जाता है...!
बात करें नीमच शहर में सट्टा कारोबार के मायाजाल की तो आज शहर का हर दूसरा नोजवान क्रिकेट सट्टे के इस दलदल में बुरी तरह धंस चुका है, जहाँ कोई काली कमाई का कुबेर बन चुका है, तो कोई बर्बादी की कगार पर खड़ा होकर मौत को गले लगाने को भी तैयार है...इस बीच नामी सट्टा माफियाओं का अपना एक अलग लाइफ स्टाइल तय हो चुका है, जिसे उन्होंने कितने ही घर बर्बाद करने के बाद हासिल किया है, वहीं सट्टा कारोबार में अपना पांव जमा चुके सटोरियों की शोक मिजाजी आज एमडीएमए ड्रग के नशे तक पहुँच चुकी है, जिसका इस्तेमाल शहर का हर एक सटोरिया आज कर रहा है, बड़े शहरों की तर्ज पर हाइवोल्टेज पार्टियों में गैरकानूनी रूप से परोसा जाने वाला एमडीएमए ड्रग अब नीमच जैसे छोटे से शहर में अपने पांव पसार चुका है, जिसका सारा नेटवर्क देश के महानगरों से कुख्यात ड्रग माफियाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है...बताया जा रहा है, की सट्टा कारोबार से जुड़े माफियाओं की पार्टी इन दिनों एमडीएमए ड्रग से सज रही रही है, जहाँ इस खतरनाक ड्रग के नशे में मदहोश होकर हर सट्टा माफिया जन्नत की सैर करना चाहता है,,,,
अब बात करें सट्टे से लेकर एमडीएमए ड्रग के इस काले कारोबार के खिलाफ पुलिस के नियंत्रण और कार्यवाही की तो यहाँ भी "दिया तले अंधेरा ही है",,, जहाँ अदने से पुलिस कर्मियों की क्षय पर सबकुछ बड़ी आसानी से फल-फूल रहा है...!
यहाँ कितने ही ठाकुर और पंकज जैसे खांकि के जिम्मेदार माफियाओं के साथ कथित तौर पर अपने मधुर सबंधो को पाल कर सरकार के मंसूबो पर पानी फेरने और सुशासन के दांवों को खोखला साबित करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है....!
जिनकी जड़ो को टटोलना पुलिस के ईमानदार अधिकारियों के लिए शायद अब जरूरी हो गया है....ताकि माफियाओं को क्षय देकर उनसे सबंन्ध पालने वाले और भी कई ठाकुर और पंकज बे-पर्दा हो सके...!

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