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मादक माफिया "प्रभु" के साथ ही "पन्ना" " भी है, बड़ी चुनोती.... मनासा क्षेत्र से पनप रहे, नशे के कारोबार का बड़ा सूत्रधार है, "पन्ना"...... क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों से मादक पदार्थ की खेप एकत्रित करने में अहम भूमिका....... मुख्य सरगनाओं से लेकर क्या सोसायटी के जिम्मेदार भी होंगे चिन्हित.....?

नीमच//मालवांचल में पनप रहा नशे का अवैध कारोबार और इसे अंजाम देने के लिए सामने आ रही, तस्करों की एक लंबी फेहरिस्त जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनोती बनती जा रही है, अफीम उत्पादक नीमच-मन्दसौर जिलों में एक और जहाँ राणा जैसे चर्चित और कुख्यात तस्करों का गिरोह खांकि से जुड़े कुछ जिम्मेदारों से गठबंधन कर अपने काले कारोबार को अंजाम तक पहुँचा रहा है, तो वहीं तस्करी के कारोबार से जुड़े कुछ चेहरे ऐसे भी है, जो पर्दे के पीछे से कुख्यात मादक माफिया का किरदार निभा रहे है...जो सबंधित जांच एजेंसियों को गुमराह कर क्षेत्र में मादक पदार्थो की बड़ी खेप का संग्रहण करने से लेकर तस्करी में लंबे समय से संलिप्त होकर संदिग्ध भूमिका है,जिन्हें चिन्हित कर बेपर्दा करने में जांच एजेंसियां भी अब तक असफल रही है,,,
हाल ही में 37 क्विंटल अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा मामले में नारकोटिक्स की कार्यवाही के बाद चर्चाओं में आया, मनासा के खजूरी का "प्रभु" तस्करी के अवैध कारोबार में कुख्यात माफिया के रूप में सामने आया है, जिसनें मादक पदार्थो की तस्करी के अवैध कारोबार को सांठगांठ के रास्ते अब तक अंजाम तक पहुँचाया, इस कार्यवाही के बाद यह भी स्पष्ट हुआ है, की किस प्रकार स्थानीय थाना क्षेत्रों की पुलिस की मदद से नशे के सौदागरों की संदिग्ध गतिविधियां अपने पूरे शबाब पर थी, जिसे ध्वस्त करने का सफल प्रयास केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने किया और तीन थानों की पुलिस को सेल्यूट मारकर पहुँचा मादक पदार्थों की खेप से भरा ट्रक आखिर नारकोटिक्स के हत्थे चढ़ा...इस मामले में सीबीएन की पड़ताल में तस्करी से जुड़े कितने माफियाओं के चेहरे बे-नकाब होते है...? यह तो फिलहाल स्पष्ट रूप से कहा नही जा सकता...? लेकिन मालवांचल के नीमच मन्दसौर जिलों के कई इलाकों में अफीम और डोडाचूरा की तस्करी से जुड़े कई ऐसे माफिया सक्रिय है, जो या तो स्थानीय पुलिस को गुमराह कर नशे के अवैध कारोबार को अंजाम तक पहुँचा रहे है, या खांकि के कुछ जिम्मेदारों की मेहरबानी से अपने मंसूबो में कामयाब हो रहे है...और तस्करों के सिंडिकेट की इस फेहरिस्त में राणा जैसे कुख्यात मादक माफिया से लेकर "प्रभु" और "पन्ना" जैसे माफिया शरीक है, जिनकी तस्करी से जुड़ी अवैध गतिविधियों का मुख्य केंद्र मनासा क्षेत्र बन चुका है, बतादें की 37 क्विंटल अवैध डोडाचूरा तस्करी मामले में "प्रभु" और "पन्ना" मुख्य भूमिका में है, यहाँ पन्ना का किरदार अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा के संग्रहण से लेकर उसे खजूरी स्थित सहकारी सोसायटी के गोदाम में रखने तक सामने आया है, ऐसे में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की पतारसी में तस्करों के गिरोह से जुड़े मुख्य सरगनाओं से लेकर क्या सहकारी सोसायटी से जुड़े जिम्मेदार भी सामने आते है, यह बड़ा सवाल है...?

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