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सट्टे की काली कमाई से चल रही फाइनेंस की दुकानों पर क्या आयकर विभाग कसेगा शिकंजा...... आयकर के नए नियमों के अनुसार कर्ज के लेन-देन में आय के स्रोतों की देनी होगी जानकारी...... अवैध कमाई से जुड़े फाइनेंसर धर्मेंद्र-पीयूष की भी छाननी होगी खाक.....?

नीमच//हाल ही में जारी किए गए, आयकर विभाग के नए नियमों के मुताबिक बाजार में कर्ज के लेन-देन पर कड़े निर्देश जारी किए गए है, इसके मुताबिक कर्ज लेने वाले व्यक्ति को अब यह भी बताना होगा कि, कर्ज देने के लिए सबंधित व्यक्ति का आय का स्त्रोत क्या है, यानी की कर्ज लेने वाले व्यक्ति को कर्ज देने के लिए उसके पास रुपये कहाँ से आये इसकी जानकारी भी विभाग को उपलब्ध करानी होगी,,,यह नियम नए वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से लागू होंगे...!
इसके साथ ही आयकर के इन नियमों को लेकर एक और व्यापारी वर्ग सकते में है, तो वहीं दूसरी और इसका विरोध भी सामने आने लगा है, नए नियमों के मुताबिक यदि कर्ज के लेन-देन में सबंधित व्यापारी आय के स्रोतों की जानकरी देने में असमर्थ होता है, तो इसे अघोषित आय माना जायेगा, और कर्ज की पेनाल्टी, टेक्स सहित 83 प्रतिशत राशि सरकारी खजाने में चुकानी पड़ेगी...!
ऐसे में आयकर के इस नए फरमान के बाद बाद बाजार में पेशवर साहूकारों के बीच तो हड़कम्प मचा ही है, वहीं काली कमाई से जुड़े ऋणदाताओं को भी आयकर का यह नया नियम परेशान कर सकता है, जो सट्टे की अवैध कमाई को ठिकानें लगाने के लिए फाइनेन्स की दुकानें खोलकर बैठे है, जहाँ सट्टा कारोबार में अर्जित बे-हिसाब काली कमाई को सफेद करने का खेल फाइनेंस की आड़ में सट्टा माफियाओं द्वारा खेला जा रहा है...जो बाजार में साहूकार की भूमिका में फाइनेंस की अपनी दुकानें संचालित कर रहे है...जहाँ आय का स्त्रोत महज सट्टे की काली कमाई है...? जिसकी खाक छानना भी पुलिस और आयकर अधिकरियों के लिए किसी चुनोती से कम नही है...!

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