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सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संगठन सपाक्स के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन....

नीमच। सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संगठन ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि तहसीलदार अजय हिंगे को सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर दिए गए अपने फैसले में एक बार यह स्पष्ट कर दिया है कि पदोन्नति में आरक्षण हेतु एम नागराज प्रकरण और जरनैल सिंह प्रकरण में निश्चित किया गया की मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन अनिवार्य होगा मध्य प्रदेश पदोन्नति नियमों को दिनांक 30 अप्रैल 2016 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में एम नागराज प्रकरण में निर्धारित मार्गदर्शि सिद्धांतों के अनुरूप न पाते हुए असंवैधानिक करार देकर खारिज किया था मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिए अनावश्यक रूप से प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया रोक रखी है जबकि अनारक्षित श्रेणी में पदोन्नति हेतु किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं है सपाक्स द्वारा समय-समय पर उपरोक्त मुद्दों को लेकर शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन सरकार द्वारा 65% सपाक्स वर्ग के कर्मचारियों के हितों को दरकिनार कर विगत 6 वर्षों से अन्याय किया जा रहा है सपाक्स संगठन ने ज्ञापन में मांग की है कि संविधान प्रदत्त व्यवस्था के अनुरूप की पदोन्नति के नए नियम बनाए जाएं तथा जब तक प्रकरण में अंतिम निर्णय नहीं आता सामान्य पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति तत्काल प्रारंभ की जाए अन्यथा प्रदेश के 64% शासकीय कर्मचारी लोकतांत्रिक तरीके से अपना सशक्त विरोध दर्ज कराने के लिए मजबूर हो जाएंगे। ज्ञापन सौंपने के दौरान अध्यक्ष राजेश पाटीदार कोषाध्यक्ष किशोर सिंह जैन सचिव मुकेश कुमार जैन संयुक्त सचिव संजय जैन प्रवक्ता अनिल व्यास ज्ञानवर्धक श्रीवास्तव प्रलय कुमार उपाध्याय अनिल गोयल अजय शुक्ला सहित सपाक्स के कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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