तस्कर बाबू सिंधी मामले में क्या दिखावे की दबिशें दे रही, जांच एजेंसियां..... बाबू से जुड़े काले कारोबार के मुख्य "राजदारों" पर किसकी मेहरबानी...... मामले में सात माह बाद भी जांच पड़ताल तक समिति नार्कोटिक्स की टीम..... आजाद पंछी की तरह घूम रहे, तस्कर गैंग के मुख्य "किरदार"..... मामले में निलंबित आरक्षक पंकज कुमावत के खिलाफ नोटिस तक सिमटी सीबीएन की कार्यवाही......
नीमच//मंडी कारोबार की आड़ में नशीले पदार्थो की स्मगलिंग को अंजाम देने वाला मालवा मेवाड़ का कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जय कुमार सबनानी के खिलाफ केंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरो द्वारा की गई बड़ी कार्यवाही के बाद मामले से जुड़े तस्कर गैंग के अन्य किरदारों को दबोचने में नार्कोटिक्स ब्यूरो के हाथ सात माह बाद भी खाली ही है, मामले बाबू को सलाखों के पीछे धकेलने के बाद सिंडिकेट से जुड़े लोगों के खिलाफ नार्कोटिक्स की कार्यवाही महज दबीशो और नोटिस तक सिमट कर रह गयी है, जबकि बाबू के साथ काले कारोबार की इस कोठरी में हाथ काले करने वाले ऐसे कई चेहरे और उनके नाम भी सामने आ चुके है, जो तस्कर बाबू के साथ नशे के कारोबार से लेकर काली कमाई से जुड़ी हर एक अवैध गतिविधि में उसके बराबर के साझेदार थे, बाबू के अवैध कारनामों और उसके ठिकानों पर नार्कोटिक्स की टीम द्वारा की गई शुरुआती कार्यवाही के दौरान ही तस्कर बाबू गैंग से जुड़े हर एक "राजदार" और उसके काले कारोबार का सम्पूर्ण खाका तैयार होकर स्पष्ट हो चुका था, जहाँ बाबू के लिए हवाले का काम देखने वालों से लेकर काली कमाई को जमीनों के कारोबार में ठिकानें लगाने वालों तक के नाम उजागर हुए, वहीं तस्कर बाबू गैंग के खास लोगों में खांकि से जुड़े एक अदने से पुलिस कर्मी की भूमिका भी यहाँ स्पष्ट हो चुकी थी, जिसे मामले में संदिग्ध तौर पर चिन्हित तो किया गया, लेकिन यहाँ खांकि से जुड़ा अदना सा आरक्षक भी नार्कोटिक्स पर भारी पड़ गया, जिसके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने में केंद्रीय जांच एजेंसी नार्कोटिक्स भी नाकाम रही, और तस्करी से जुड़ी इस ससनीखेज मामले में आरक्षक के खिलाफ कार्यवाही अब तक महज नोटिस तक ही समिति रही,
तस्करी के इस नेटवर्क के खिलाफ जड़ तक पहुँचकर सिंडिकेट से जुड़े हर एक चेहरे को चिन्हित कर उस पर शिकंजा कसने का दावा करने वाली, नार्कोटिक्स की टीम आज सात माह बाद भी दबिशें देकर कागजातों को टटोल रही है, जबकि इस अवधि के दौरान तस्कर बाबू गैंग से जुड़े गुर्गे, खुले आसमान में चेन की सांस लेकर काली कमाई से अर्जित बाबू की बेशकीमती जमीनों को ठिकानें लगाने में जुटे है...?
इधर नार्कोटिक्स की जांच के दायरे में होकर भी बेख़ौफ़ निलंबित आरक्षक पंकज कुमावत मामले से जुड़ी हर एक गतिविधि पर पूरी तरह सजग होकर नीमच में विचरण करते देखा जा रहा है, चूंकि मामले में निलंबित आरक्षक पंकज कुमावत से पूछताछ के सबंन्ध में नारकोटिक्स द्वारा अब तक कोई खुलासा नही किया गया, ऐसे में क्या यह माना जाए, की मामले में आरक्षक से पूछताछ की जहमत भी अब तक शायद नार्कोटिक्स की टीम नही उठा पाई...
बहरहाल तस्करी के इस महाजाल और इसके सरगना बाबू सिंधी को जेल भेजने के बाद मामले में दबिशो को दौर जारी है, और सिंडिकेट से जुड़े एक अन्य सदस्य कैलाश दादिया को नार्कोटिक्स की टीम ने गिरफ्त में लिया है, जिसकी निशानदेही पर बाबू के औद्योगिक क्षेत्र स्थित गोदाम की सीबीएन द्वारा पड़ताल की गई, इधर तस्कर बाबू गैंग से जुड़े अन्य लोगों को ट्रेप करने में नार्कोटिक्स ब्यूरो के हाथ अब भी खाली है, रडार पर चढ़े सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्य बेखोफ है, जिनके खिलाफ कार्यवाही का कड़ा कदम जांच एजेंसी की और से कब उठाया जाएगा इस पर अब भी संशय फिलहाल बरकरार है...!