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क्रिकेट के हाईवोल्टेज आयोजन का आगाज और सटोरियों की बिसात...... अवैध सट्टा कारोबार के खिलाफ, कितनी अलर्ट पर जांच एजेंसियां...... शहर के बीच फैला जाल, फाइनेंस की आड़ में सज रही सट्टे की दुकान..... रेलवे के "वीरेंद्र उर्फ पिंकू" से लेकर "पीयूष" "धर्मेंद्र" है, बड़ी चुनोती........

नीमच//क्रिकेट का हाईवोल्टेज आयोजन यानी आईपीएल के 15 वे सीजन का धमाकेदार आगाज आगामी 26 मार्च से शुरू होने जा रहा है, जिसकी सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी है, और बीसीसीआई ने आयोजन को लेकर अपनी अंतिम मोहर भी लगा दी है, रोमांच, जोश, और उत्साह से भरे क्रिकेट के इस महाकुंभ को लेकर देश भर के क्रिकेट प्रेमियों की बेसब्री 26 मार्च को समाप्त हो जाएगी...
इसके साथ ही आईपीएल से जुड़ी कुछ ऐसी गतिविधियां भी है, जो अस्तित्त्व में आकर कानून को खुली चुनोती देते हुए, देश भर के हर एक इलाकें में बेखोफी के साथ संचालित होगी, जिस पर नकेल कसने का पुलिस का दावा आज तक नाकाम ही रहा...और तेजी से पनपने वाले सट्टा कारोबार का छोटे शहरों में भी एक विशाल नेटवर्क स्थापित हो गया, जहाँ स्थानीय सट्टा माफियाओं का बड़ा सिंडिकेट देश विदेश तक इस अवैध कारोबार को बड़ी ही बेखोफी के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऑपरेट कर रहा है...!
बात करें मध्यप्रदेश के अंतिम छोर पर बसे नीमच जिले की तो यहाँ क्रिकेट आयोजनों के साथ ही तेजी से पनपने वाले सट्टा कारोबार का नशा इससे जुड़े माफियाओं के बीच क्रिकेट प्रेमियों से भी कही ज्यादा है, जो सट्टा कारोबार से जुड़े अपने मंसूबो में कामयाब होने के लिए, किसी भी हद तक जाने को तैयार है, जिनके हौसलों के आगे कानून की पाबंदियां और पुलिस की सख्ती भी बे- असर है, जिसके चलते नीमच जेसे छोटे शहर में सट्टा माफियाओं का मायाजाल बुरी तरह फैल चुका है, हैरान कर देने वाली बात तो यह है, की शहर का ऐसा कोई भी इलाका सटोरियों की बुरी नजर से अछूता नही है, जहाँ माफियाओं की सट्टा गैंग ने अपना ठिकाना न बनाया हो, मसलन लग्जरी कारों और होटलों तक सीमित माफियाओं के ठिकानें अब शहर के शांत और पॉश इलाकों से लेकर छोटे मोहल्ले तक स्थापित हो चुके है, जहाँ कानून को गच्छा देकर, चौके छक्के उड़ाए जा रहे है...
बहरहाल आगामी आईपीएल के दौरान सट्टा कारोबार के खिलाफ स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियां कितनी अलर्ट पर है, यह तो संभावित कार्यवाहियों के बाद ही सामने आएगा, लेकिन वर्तमान समय मे नीमच के चर्चित सट्टा माफियाओं के खिलाफ पुलिस का शिकंजा कब कसेगा यह बड़ा सवाल है, जहाँ "पिंकू" के रूप में रेलवे विभाग से जुड़ा "वीरेंद्र" बघाना क्षेत्र में सट्टे का काला बाजार खोलकर बैठा है, तो वहीं फाइनेंस की आड़ में पीयूष मलेशिया, और धर्मेंद्र परिहार जैसे सटोरिये कानून व्यवस्था का मुंह चिड़ा रहे है...!

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