किसान हितेशी भाजपा सरकार को नाकोड़ा लुब्रिकेंट की खुली चुनोती..... अधिकारियों और फेक्ट्री मालिक के पैरों तले कुचला जा रहा "सीएम शिवराज" का "किसान प्रेम"....... अब तक नही मिला न्याय, लेकिन साजिशों का शिकार बन गया अन्नदाता...... फेक्ट्री मालिक को डिफेंस कर, किसानों को कठघरे में खड़ा करने की नाकाम कोशिश......
नीमच//जिला मुख्यालय से सटे भड़भड़िया के बहुचर्चित नाकोड़ा लुब्रीकेंट मामले में फेक्ट्री संचालक की मनमानी और किसानों को फसलों में हो रही नुकसानी का आरोप पूर्व में ही आइने की तरह साफ चुका है, जहाँ फेक्ट्री से निकलने वाले दूषित ऑयल का कुएं में घुलना और इसके चलते खेतों की उपजाऊ क्षमता पर पड़ने वाला असर अन्नदाता को लगातार आक्रोशित कर रहा है, मामले में किसानों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान भी लिया गया, और मौके पर फेक्ट्री संचालक की मनमानी का परिणाम भी सामने आया, लेकिन विसंगतियों का पैमाना कुछ इस कदर है, की सब कुछ स्पष्ठ होने के बाद भी मामला फिलहाल जांच में है, और संचालक के खिलाफ किसी भी प्रकार की प्रभावी कार्यवाही का असर यहाँ अब तक देखने को नही मिला...इस बीच हालिया के दिनों में शोसल मीडिया पर वायरल दो अलग ऑडियो ने खासी हलचल पैदा कर दी, जिसमें पहला ऑडियो एक स्थानीय किसान और फेक्ट्री मालिक के बीच बातचीत का है, तो वहीं दूसरा ऑडियो किसान और मीडिया कर्मी के बीच हुई बातचीत का है....
बातचीत का पहला ऑडियो किसान और फेक्ट्री संचालक के पुत्र के बीच का है, जिसमें लाखों के लेनदेन की बात पर मोल भाव चल रहा है, और यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है, की किसान फेक्ट्री संचालक के खिलाफ झूठी शिकायत कर रुपये ऐंठने की बेजा कोशिश कर रहे है, हालांकि पहला ऑडियो एक माह पूर्व का है, जिसमें किसानों को खेतों में फसल नुकसानी और उसके मुआवजे की बात पर बहस की जा रही है, जिसे तकनीकी विशेषग्यों द्वारा एडिट कर वायरल करने की बात सामने आई है, वहीं दूसरे ऑडियो में किसान द्वारा मीडिया कर्मी से बातचीत करते हुए, पहले ऑडियो का हवाला देते हुए, कहा गया कि यह ऑडियो पुराना है, और उसमें किसानों के हित मे फसल नुकसानी सबंधित बातचीत फेक्ट्री मालिक से की गई, जिसमें प्रशासन पर भी गंभीर आरोप भी लगाए गए है...साजिशों का आलम यह कि वायरल किये गए, पहले ऑडियो में कथित तौर पर नाकोड़ा लुब्रिकेंट के संचालक को डिफेंस करने के उद्देश्य से किसानों की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए, उन्हें कठघरे में खड़ा करने की नाकाम कोशिश की गई है, जिसकी हकीकत दूसरे ऑडियो में साफ सुनाई दे रही है...!
फेक्ट्री संचालक की मनमानी, तानाशाही, और धनबल के आगे यहाँ अन्नदाता को न्याय दिलाने की बजाय उसे दबाने की साजिशों पर काम किया जा रहा है, जिस पर जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों की सहमति भी साफ नजर आ रही है...अब ऐसे में किसानों के हित की हर बात पर जोर देने वाली सूबे की शिवराज सरकार का किसान प्रेम यहाँ कही भी नजर नही आ रहा, जिसे नाकोड़ा लुब्रिकेंट के मालिक और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के पैरों तले रौंदा जा रहा है....और अन्नदाता को न्याय दिलाने की बजाय उसे साजिशों का शिकार बनाया जा रहा है....!