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निजी जमीन में हुई बंदर बाट,गांधी और पटवा परिवार ने कराई बाले बाले रजिस्ट्री,अब पीड़ित ने रजिस्ट्री निरस्त करने की मांग,एडीएम ने दिए जाच के आदेश....


नीमच// शहर सहित जिले में भू माफिया सक्रिय हैं कभी शासकीय भूमि तो कभी निजी भूमि पर फर्जी रजिस्ट्री और जमीनों की बंदरबांट के कई मामले आए दिन देखने,सुनने और पढ़ने को मिलते हैं ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया जहां जिले के कुकड़ेश्वर में लगभग निजी 4 बीघा जमीन की परिवार के एक सदस्य के साथ मिलकर बंदरबांट हुई और नगर के संभ्रांत परिवार गांधी एवं पटवा परिवार द्वारा बाले बाले रजिस्ट्री कराली गई। जिसमें पीड़ित पक्ष द्वारा एडीएम नेहा मीणा को जमीन के समस्त दस्तावेज नक्शा पट्टा नामा पटवारी की रिपोर्ट एवं उपरोक्त भूमि को क्रय विक्रय संबंधी आपत्ती विज्ञप्ति भी प्रस्तुत की गई। पीड़ित पक्ष की शिकायत के बाद एडीएम नेहा मीणा ने उपरोक्त मामले में संबंधित अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं पीड़ित पक्ष प्रेमलता बाई पिता राधेश्याम सुथार मूलनिवासी कुकड़ेश्वर एवं हाल मुकाम हेमराज मार्ग शास्त्री सर्कल उदयपुर द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया।कि वह राधेश्याम सुथार पिता जगन्नाथ सुथार की एकमात्र जीवित संतान है और उनके पिता राधेश्याम जिनकी आयु लगभग 92 वर्ष से अधिक होकर वह चलने फिरने में असमर्थ हैं एवं वर्तमान में उन्हें दिखाई भी कम देता है जिसके चलते उनके समस्त चल अचल संपत्ति की एकमात्र वैद्य वारिस प्रेमलता बाई होकर उनकी संपत्तियों का संरक्षण एवं देखभाल करने के लिए वैधानिक रूप से अधिकार प्राप्त है उनके पिता राधेश्याम के नाम से कुकड़ेश्वर में सर्वे नंबर 2666 रकबा न 0.789 हेक्टेयर भूमि स्वामी की हैसियत से राजस्व अभिलेख में दर्ज है प्रेमलता बाई ने उदयपुर की निवासी होने के कारण परिवार के एक रिश्तेदार अशोक कुमार पिता जगन्नाथ सुथार को राधेश्याम सुथार की देखरेख के लिए रखा था किंतु कुछ समय पूर्व प्रेमलता बाई को पता चला कि उपरोक्त समस्त जमीनों के दस्तावेजों में अशोक कुमार पिता जगन्नाथ सुतार का नाम दर्ज हो गया परंतु राजस्व अभिलेख में ऐसी कोई प्रविष्टि दर्ज नहीं हुई है जिसमें अशोक कुमार उपरोक्त भूमि का मालिक हो। उपरोक्त मामले को लेकर पीड़ित पक्ष प्रेमलता बाई ने संबंधित विभागों में शिकायत दर्ज करने के साथ ही स्थानीय समाचार पत्रों में उपरोक्त भूमि के क्रय विक्रय सम्बन्धी आपत्ति विज्ञप्ति प्रकाशित की गई। बावजूद उसके पटवारी व अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से उपरोक्त भूमि अशोक कुमार द्वारा गांधी एवं पटवा परिवार को बेच दी गई और विगत दिनों उसकी रजिस्ट्री भी करा ली गई। जब पीड़ित पक्ष को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने आज मंगलवार को कलेक्टर के समक्ष समस्त दस्तावेज प्रस्तुत कर उपरोक्त रजिस्ट्री निरस्त करने एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


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