नागपंचमी को नागों की पूजा कर आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की होती है प्राप्ति,नागपंचमी के दिन महादेव संग हुई नागों की उपासना.....
नीमच// मंगलवार को नाग पंचमी के अवसर पर शहर सहित अंचल के सभी नाग मंदिरों पर सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की भीड़ लगी रही वहीं कई नाग देवरो पर विभिन्न आयोजन भी हुवे।नागपंचमी पर भगवान शिव के आभूषण यानी नागों की उपासना का विधान है. नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है. इस बार नागपंचमी अपने साथ कई शुभ योग लेकर आई है. ज्योतिषियों की मानें तो नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है. कुंडली में अगर राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो तो भी इस दिन विशेष पूजा से लाभ पाया जा सकता है.नागपंचमी का त्योहार मंगलवार, 02 अगस्त यानी आज है. श्रावण मास की पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 03 अगस्त को सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. इस बीच नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 8 बजकर 24 मिनट तक ही रहा।इस साल नागपंचमी पर कई शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं. इस बार नागपंचमी चार शुभ योग में मनाई गई है जिसमे संजीवनी योग, शिव योग, रवियोग और सिद्ध योग शामिल है इन शुभ योगों के कारण नागपंचमी के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इसके अलावा, नागपंचमी के दिन सावन का तीसरा मंगलवार भी पड़ा है इस दिन मंगलागौरी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसे अबूझ मुहूर्तों में नागपंचमी पर नागों का पूजन करने से जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है.सनातन धर्म में नागों का विशेष महत्व रहा है. सृष्टि के संचालक भगवान शिव के गले में हमेशा सर्पों की माला रहती है. शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी हुई है. क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर स्वयं भगवान विष्णु सोते हैं. श्रीकृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव ने यमुना पार की थी.समुद्र-मंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी।