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मंडी प्रशासन के "दिया तले अंधेरा" जीएम ट्रेडर्स ने किसान को दिखाया कारनामा....शिकायत के बाद कार्यवाही के नाम पर आढ़तिये का शटर डाउन, जांच जारी...नाक के नीचे पनप रही अवैध आढ़त के खिलाफ ऑंखमुंद कर बैठे जिम्मेदार.... अधिकारीयों की उदासीनता-तथ्यों के बिना नही रोका जा सकता किसानों का शोषण...?

हाल ही में नरसिंहपुर के एक किसान के साथ मंडी के आढ़तिये अशोक मेहता और चांद मुकेश द्वारा कारित घटनाक्रम की चर्चाएं थमी भी नही थी, की लहसुन मंडी के एक अन्य आढ़तिये "जीएम ट्रेडर्स" के संचालक ने लहसून लेकर पहुँचे किसान को अपना कारनामा दिखा दिया, मामले में जागरूक किसान द्वारा गड़बड़ी की शिकायत मंडी प्रशासन से की गई, जिस पर अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए, सबंधित आढ़तिये की फर्म "जीएम ट्रेडर्स" का फिलहाल शटर डाउन कर दिया है, और मामले में जांच जारी है, मामले में ठोस कार्यवाही हेतु जिम्मेदारों को तथ्यों का इंतजार है, और इधर खबर है, की आढ़तिया भी अवैध आढ़त का अपना धंधा यथावत रखने की कवायद में जुटा हुआ है, जिसके लिए सांठगांठ का एक पुल तैयार किया जा रहा है, और हो सकता है, हर बार की तरह आढ़त के खिलाफ कार्यवाही की औपचारिकता इस बार भी पूरी कर ली जाए, और सिस्टम सहित किसानों के लिए नासूर बन चुकी नीमच कृषि उपज मंडी की यह प्रतिबंधित परंपरा यूं ही चलती रहे...?
मंडी में आढ़तियों के आतंक और किसानों का लगातार शोषण करती आ रही इस कुप्रथा के खिलाफ अब जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता भी सामने आने लगी है, जो कार्यवाही के लिए शिकायत का इंतजार और इसके बाद ठोस सबूतों के अभाव में आढ़त के खिलाफ सख्त कार्यवाही से पल्ला झाड़ने लगे है, मंडी प्रशासन के दिया तले छा रहे इस अंधेरे और आंखों के सामने चल रहे आढ़त के इस खेल में आढ़तियों द्वारा न सिर्फ किसानों का शोषण कर उन्हें ठगा जा रहा है, बल्कि मंडी प्रशासन की व्यवस्थाओं को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है, जहाँ आढ़तिये किसानों की आंखों से काजल चुरा रहे है, तो वहीं इस पूरे खेल से जिम्मेदारों की अनभिज्ञता अपनी मौन सहमति को जाहिर कर रही है,
नतीजा शिकायतों और तथ्यों के अभाव में आढ़तियों का आतंक अपने पांव पसार रहा है, और किसान निरंतर शोषित हो रहा है...ऐसे में मंडी में आढ़त के रास्ते दो नंबरी कमाई के इन सरदारों पर आखिर मेहरबानी किसकी है, इसका अंदाजा मंडी प्रशासन की कार्यप्रणाली को देखकर ही लगाया जा सकता है...जो इस अवैध गतिविधि के खिलाफ मोनिटरिंग कर अंकुश लगाने के बजाय शिकायतों और सबूतों का हवाला देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहे है...
मंडी में अवैध आढ़त प्रथा का चलन और इससे जुड़े आढ़तियों की सक्रियता किसी से छिपी नही है, जहाँ हर दिन मंडी पहुँचने वाला किसान इनकी ठगी का शिकार बनता है,और जागरूकता के अभाव में अपनी पीड़ा जिम्मेदारों तक पहुँचा नही पाता... लिहाजा किसानों की इस अज्ञानता को आधार बनाकर मंडी प्रशासन का जिम्मेदार अधिकारी भी यहाँ आढ़त के खिलाफ अपनी बेबसी को बंया करता हुआ नजर आता है...? और कुछ इसी प्रकार खुले मैदान में मंडी प्रशासन की नाक के नीचे अवैध आढ़त का यह खेल यूं ही परम्परागत रूप से पनपता रहता है...!

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