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आढ़तियों को क्षय देकर मंडी की कारोबारी छवि को लगाया जा रहा बट्टा....साप्ताहिक लिफाफा बंदी पर कृषि मंडी में चल रहा अवैध आढ़त का खेल....जिम्मेदारों की उदासीनता-कार्यवाही के नाम पर निभाई जा रही औपचारिकता....अशोक मेहता और चांद मुकेश के बाद अब जीएम ट्रेडर्स ने बनाया किसान को निशाना....

नीमच मंडी में अवैध आढ़त के सरदार और इसके संरक्षण दाताओं को लेकर मंडी प्रशासन की उदासीनता एक बड़े घालेमल की और इशारा कर रहा है, जहाँ सांठगांठ के पुल पर प्रतिबंधित आढ़त सहित अन्य अवैध गतिविधियों का संचालन बड़े अदब से किया जा रहा है, मंडी में आढ़तियों की हिमाकत और निरन्तर किसानों का शोषण व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहा है, जहाँ पर्दे के पीछे से जिम्मेदारों की मौन सहमति दो नम्बरी कारोबारियों को बल दे रही है...?
तो वहीं आढ़तियों की एक गैंग कृषि उपज मंडी में सक्रिय तौर पर आढ़त को अंजाम देकर मंडी के वैधानिक कारोबार को प्रभावित कर रही है, जहाँ जिम्मेदारों और आढ़तियों के बीच बनी लिफाफों की मधुरता के आगे पीड़ित किसानों की शिकायतें भी जाँच-पड़ताल की औपचारिकता तक सीमट कर रह जाती है...और ऐसे में किसानों के लिए नासूर बन चुके आढ़तियों के अवैध कारनामों के खिलाफ कार्यवाही की उम्मीद भी की जाए तो आखिर किससे...?
सूत्रों की माने तो मंडी में अवैध आढ़त के उस्तादों का एक तबका साप्ताहिक बंदी में सिस्टम को साधे हुए है, जहाँ लिफाफों की महक हुक्मरानों के दफ्तर तक भी पहुँच रही है, जिसके मुख्य सूत्रधार मंडी का मैदानी मोर्चा संभालने वाले कुछ ऐसे किरदार है, जो आढ़तियों को क्षय देकर मंडी की कारोबारी छवि को बट्टा लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है...! प्रदेश में अव्वल और आदर्श मंडी का दर्जा प्राप्त कर चूकी नीमच कृषि उपज मंडी की साख अब कुछ आढ़तियों के हाथों नीलाम हो रही है, जो व्यवस्थाओं और कानून को भी चुनोती देते हुए, अपनी मनमानी पर उतारू हो चुके है, मंडी में आढ़त प्रथा जैसी अवैध गतिविधियों को अंजाम देते आढ़तियों द्वारा अब किसानों को खुलकर निशाना बनाया जा रहा है, जिनके खिलाफ मंडी प्रशासन की सख्ती कितनी सख्त है, इस पर भी अब सवाल उठने लगे है...!*

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