सांठगाठ की बैसाखी पर दोबारा चल पड़ी अवैध आढ़त की दुकान.....जिम्मेदारों और कारोबारी के बीच मौखिक रूप से हुआ बड़ा समझौता.....फाइलों में कैद कार्यवाही का ब्यौरा और मंडी में कारोबार की मिल गयी हरी झंडी...?
नीमच कृषि उपज मंडी में अवैध आढ़त प्रथा का खुलेआम चल रहा खेल और इसे अंजाम देने वाले कुछ दो नम्बरी कारोबारियों के खिलाफ मंडी प्रशासन का रुख कितना सख्त है...? इसका उदाहरण मंडी में सांठगाठ की बुनियाद पर चल रही कारोबारी गतिविधि को देखकर ही लगाया जा सकता है, जहाँ शिकायत पर सख्ती तो बरती जाती है, लेकिन लिफाफा बंदी के आगे आँखेमूंद भी ली जाती है, लिहाजा मंडी में अवैध आढ़त हो या अन्य गतिविधियां सांठगाठ के पुल से सबकुछ गुजर ही जाता है...उदाहरण पिछले दिनों मंडी में लहसुन लेकर आए एक किसान से आढ़तिये द्वारा की गई, अधिक वसूली के मामले में देखा जा सकता है, जहाँ जिम्मेदारों ने किसान की शिकायत पर उसे कार्यवाही का भरोसा देते हुए मामले में गम्भीरता तो दिखाई, लेकिन इस पर कितना अमल किया गया और किस तरह सबंधित को कार्यवाही में राहत दी गयी इसकी चौकानें वाली हकीकत भी बाहर निकलकर आई...? जानकरी के मुताबिक किसान की शिकायत के बाद मंडी प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए, जीएम ट्रेडर्स का शटर डाउन किया गया, साथ ही सबंधित कारोबारी महावीर जैन का आगामी आदेश तक मंडी में कारोबारी गतिविधि हेतु प्रवेश प्रतिबंधित भी किया...लेकिन साथ ही सबंधित कारोबारी के खिलाफ की गई कार्यवाही में नियमों और सख्ती की भी हवा निकाल दी गयी, जहाँ बचाव का रास्ता इख्तियार करते हुए, मंडी प्रशासन ने अपना उद्देश्य भी पूरा किया, और सबंधित व्यापारी को उसके अवैध कारनामों की छूट भी दे डाली...मतलब साफ है, मंडी प्रशासन ने नियमानुसार कार्यवाही कर अपनी औपचारिकता पूरी की तो वहीं सबंधित कारोबारी पर मेहरबानी भी दिखाई...!
बताया जा रहा है, की जीएम ट्रेडर्स के संचालक और जिम्मेदारों के बीच मामले में एक बड़ा समझौता हुआ है, जहाँ मंडी प्रशासन ने विधि अनुसार अपनी जिम्मेदारी भी निभाई तो वहीं मौखिक रूप जीएम ट्रेडर्स को कारोबारी गतिविधियों के लिए हरी झंडी भी दिखाई...अब ऐसे में जांच कार्यवाही को लेकर होना भी लाजमी है, जहाँ फाइलों में दफन कागजों की हकीकत और मंडी का मैदानी नजारा जिम्मेदारों की हकीकत को बंया कर रहा है...!