आढ़तियों के खिलाफ मूंदी आंखे, लिफाफों के "दास" बने जिम्मेदार.....अवैध गतिविधि को अंजाम देने, मंडी की दो फर्मों ने फाइनेंस का उठाया बीड़ा.....जिम्मेदारों के संरक्षण में शोषित हो रहा किसान, सिस्टम में बैठा प्रतिबंधित कारोबार का सूत्रधार.....फील्ड ऑफिसर को नही दिख रहे, फील्ड में कारित होने वाले काले कारनामे...?
नीमच //कृषि उपज मंडी में आढ़तियो की मनमानी और उन्हें संरक्षण देने वालों की फेहरिस्त में अब जिम्मेदारों से लेकर कुछ प्रतिष्ठित कारोबारी भी शामिल हो चुके है, जो मंडी में अवैध आढ़त प्रथा को अंजाम देने आढ़तियों को फाइनेंस कर रहे है, मंडी की दो प्रतिष्ठित फर्मों की भूमिका इन दिनों आढ़त के खेल में संदिग्ध तौर पर सामने आई है, जो किसानों का शोषण करने वाली इस अवैध गतिविधि में आढ़तियों के आका बने हुए है, बताया जा रहा है, मंडी के चर्चित आढ़तिये अशोक मेहता, चांद- मुकेश और महावीर जैन सहित अन्य सक्रिय आढ़तियों को मंडी की बंसी-श्याम और शेखर-प्रवीण नामक इन दो फर्मो से फाइनेंस किया जा रहा है, लिहाजा मंडी में आढ़त को अंजाम देने के लिए ऐसे ही कुछ कारोबारियों की संदिग्ध भूमिका है, जो पर्दे के पीछे रहकर आढ़त जैसी अवैध गतिविधि में आढ़तियों के साथ संलिप्त होकर किसानों का शोषण करने पर आमदा
हो चुके है,...वहीं बात करें आढ़त के इस खेल में सरकारी मुलाजिमों के पीछे छिपे सूत्रधारों की तो मंडी प्रशासन के फील्ड ऑफिसर की कार्यप्रणाली भी यहाँ सवालों के घेरे में है, जो कहने को तो मंडी के फील्ड ऑफिसर है...लेकिन फील्ड में कारित होने वाली अवैध गतिविधियां उन्हें नजर नही आती, क्योंकि लिफाफों के "दास" यहाँ जिम्मेदार बने हुए है...?
और आढ़तियों को मिलने वाला यही सरंक्षण मंडी में अवैध गतिविधियों से जुड़ी उनकी हिमाकत को बढ़ावा दे रहा है...
बहरहाल नीमच कृषि उपज मंडी में आढ़त के साथ होने वाले किसानों के शोषण का जिम्मेदार इसे अंजाम देने वालों से कही ज्यादा सिस्टम में बैठा वो नोकरशाह है, जिसे किसानों के हितों की सुरक्षा का दायित्त्व सरकार ने सौपा है, लेकिन सरकार की मंशाओं के विपरीत किसानों के हितों को यहाँ जिम्मेदारों के संरक्षण में खुलेआम रौंदा जा रहा है...?