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राजस्थान में जहरीले कारोबार के खिलाफ जिम्मेदारों ने दिखाई गम्भीरता....स्थानीय प्रशासन का दावा, मिलावट के ठिकानों को चिन्हित कर की जाएगी कार्यवाही.....अवैध कारोबार में ट्रासंपोर्टर की भूमिका निभा रही,"गायत्री ट्रेवल्स" भी बनी चुनोती......

राजस्थान में गायों के बीच तेजी से फैल रहा लंपी वायरस का कहर अभी थमा ही नही था, की राज्य के कुछ इलाकों में मिलावट खोरों ने अपने पांव पसार लिए है, जो आमजन के बीच खाद्य पदार्थो में मिलावट का वायरस घोलने पर आमदा हो चुके है, मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालने वाले मिलावट के कारोबार का एक सिंडिकेट राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में पूरी तरह सक्रिय होकर काले कारोबार को अंजाम तक पहुँचा रहा है, खास बात यह है, की अलग-अलग इलाकों में मिलावट की इन फैक्ट्रियों को संचालित करने वाले स्थानीय कारोबारी नही, बल्कि मध्यप्रदेश के नीमच से जुड़े कारोबारी इस अवैध गतिविधि में संलिप्त है, जिनके इस मिलावटी कारोबार की शुरुआत भी नीमच मंडी से होती है, जहाँ मिलावट के ये माफिया निम्न स्तर की कृषि उपज को खरीद उसे जहरीली भट्टियों में तैयार करते है, और फिर स्थानीय बाजारों सहित निजी यात्री बसों के माध्यम से देश के अन्य राज्यों के बड़े बाजारों में इस जहरीले उत्पाद को उतारते है... बात करें मिलावट के इस अवैध कारोबार में परिवहन व्यवस्था की तो इसका जिम्मा नीमच से दिल्ली चलने वाली निजी यात्री बस गायत्री ट्रेवल्स के संचालको ने ले रखा है,जो अवैध कारोबार में एक ट्रांसपोर्टर के रूप में अपनी संदिग्ध भूमिका अदा कर रहा है...राजस्थान के भंवरमाता क्षेत्र से लेकर गौमना तक नीमच के चर्चित कारोबारियों की जहरीली भट्टियां संचालित है, इनमें मिर्ची सेठ योगेश, राजू और पवन गोयल खासी सुर्खियों में है, जो नीमच जिला प्रशासन को गुमराह कर अब राजस्थान के स्थानीय प्रशासन के लिए चुनोती बन चुके है, हालांकि इस मामले में क्षेत्र के एसडीएम ने गम्भीरता दिखाते हुए, संज्ञान लिया है, और मिलावट के इस गोरखधंधे के खिलाफ सख्ती से कदम उठाते हुए, चिन्हित ठिकानों पर कार्यवाही की बात कही है...जहाँ अब देखना यह होगा की जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले मिलावट के इन माफियाओं के खिलाफ स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाता है...?

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