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जहरीली भट्टियों के खिलाफ,अब छापे नही पड़ते संरक्षण मिलता है...? बेखोफ पनप रही मिलावट खोरी में "पान" वाले ने बढ़ाई सक्रियता...किराये के गोदाम को बनाया मिलावट का अड्डा, जिम्मेदार बने मूकदर्शक...

नीमच//एक तरफ त्योहारी समर और दूसरी और मिलावट खोरों का कहर...पिछले कई सालों से नीमच शहर इसका पर्याय बन चुका है... जहाँ खाद्य पदार्थो में मिलावट का जहर घोलकर मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने को हर कोई आमदा है...कहीं खाद्य तेल में शुद्धता के नाम पर पॉम तेल ओर हानिकारक एसेंस की मिलावट खोरी तो कहीं जहरीली भट्टियों में केमिकल के सहारे तैयार हो रही मसाला उपज बाजारों के जरिये आमजन की रसोई तक पहुँच रही है, और निरन्तर मानव स्वास्थ्य पर अपना दुष्प्रभाव डाल रही है...लेकिन इन सब के पीछे काले कारोबारियों की काली करतूतों के खिलाफ जिम्मेदारों की अनदेखी भी साफ नजर आती है, जहाँ खुलेआम पनप रहे जहर के इस अवैध कारोबार पर पर्दा डालने वालों से लेकर उन्हें सरंक्षण देने वाले भी मिलावट खोरों की ढाल बनकर खड़े है, जिनकी सरपरस्ती में प्रशासनिक कार्यवाही से ख़ौफ़ खाने वाले काले कारोबारी अब बेख़ौफ़ हो चुके है, और शहर के किसी भी कोने में मिलावट के इस अवैध कारोबार को संचालित कर कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ा रहे है...सरकारी फरमान पर मिलावट के खिलाफ दौड़ लगाने वाले अफसर भी शायद अब थक चुके है...जिन्हें शहर में बड़े पैमाने पर स्थापित हो चुके,मिलावट के ठिकानों से अब कोई सरोकार नही रहा...? लिहाजा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान "रासुका" जैसी प्रभावी कार्यवाही से कांपने वाले मिलावट खोर आज दोबारा अपने अवैध कारोबार में पांव पसार चुके है, और शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में मिलावट की जहरीली भट्टियों से जहर उगल रहे है...
इसका एक बड़ा उदाहरण शहर का बघाना थाना क्षेत्र है, जहाँ "नीरज-पंकज" जैसे मिलावट के माफिया काले कारोबार में हाथ काले कर स्थानीय प्रशासन का मुँह चिड़ा रहे है, खबरों के मुताबिक क्षेत्र में किराये के एक गोदाम में "नीरज-पंकज" की जहरीली भट्टियां संचालित है, जहाँ "अजवाइन" को मिलावट की जहरीली भट्टियों में झोंका जा रहा है, और बाजारों के जरिये आमजन की थाली तक मिलावट के इस जहर को परोसा जा रहा है...ऐसे में बड़ा सवाल यहाँ सबंधित विभाग से जुड़े जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली को लेकर भी खड़ा होता है, जो धड़ल्ले से पनप रही मिलावट खोरी के खिलाफ चुप्पी साधे हुए है...?

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