नीमच। चुनाव नजदीक आते ही शहर विकास के सपने जनता को दिखाए जा रहा हैं। ताजा उदाहरण बघाना पहुंच मार्ग पर रेलवे फाटक पर बनने वाले ओवर ब्रिज का है, जिसे 2 साल पहले सरकार ने बजट में स्वीकृत किया था और टोकन राशि एक हजार रूपए जारी की थी, वह कब कैसे बनेगा, यह विचारणीय है, लेकिन नीमच के विधायक दिलीपसिंह परिहार तो सर्वे के नाम पर शहर की जनता को ओवर ब्रिज निर्माण का सपना दिखा रहे हैं।
यह आरोप कांग्रेस पूर्व पार्षद मोनू लोक्स ने लगाया है। उन्होंने प्रेसनोट जारी कर बताया कि बघाना पहुंच मार्ग शहर का सबसे व्यवस्तम मार्ग है। हजारों वाहन दिन भर में इस मार्ग से गुजरते हैं। क्योंकि राजस्थान को मप्र से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग होने के साथ ही इस मार्ग पर रेलवे स्टेशन और कृषि उपज मंडी स्थित है, जिसके कारण दिनभर यातायात का दबाव बना रहता है। इधर रेलवे फाटक बंद होने पर राहगीरों की भारी फजीहत हो जाती है, कारण अंडर ब्रिज बायपास मार्ग का रास्ता खराब होना है। श्री लोक्स ने बताया कि अंडर ब्रिज में भरने वाले पानी की निकासी के लिए नपा ने अंडर ब्रिज बाईपास मार्ग की खुदाई थी, तब से यह मार्ग खराब है, जिसे सुधारने के नाम पर सिर्फ लीपापोती हुई है।
दो साल पहले स्वीकृति, फिर क्यों शुरू नहीं हुआ काम-
वर्तमान में फर्श से लेकर अर्श तक देश में भाजपा की सरकार है, लेकिन समस्या यह है कि बघाना पहुंच मार्ग के रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज स्वीकृत होने के बाद अब तक करीब 3 बार विधायक दिलीपसिंह परिहार सेतू निगम के अधिकारियों के साथ सर्वे कर चुके हैं और हर बार कुछ न कुछ दिक्कत बता कर उसे सुधारने की बात कह दी जाती है। कभी रेलवे तो कभी मंडी बोर्ड ओवर ब्रिज निर्माण में बाधक बन जाता है, जबकि नीमच नपा से लेकर प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में स्वीकृति के बाद से ओवर ब्रिज का निर्माण आरंभ हो जाना था।
समस्याओं से ध्यान भटकाने का तरिका-
नगरपालिका में भाजपा की परिषद् का गठन हुआ है, लेकिन शहर की समस्याओं का हल नहीं हो पा रहा है। छोटी-मोटी दिक्कतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण लोग खुल कर बोलने लगे हैं। शहर की विभिन्न समस्याओं से जनता का ध्यान भटके, इसके लिए ओवर ब्रिज निर्माण का सर्वे करा दिया, लेकिन बघाना पहुंच मार्ग पर अंडर ब्रिज बायपास मार्ग की समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है।