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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर "हुजैफा" का फर्जीवाड़ा, सैकड़ो युवाओं को दे रहा झांसा...."एमटीएफई" के जरिए "ट्रेडिंग" के फर्जी कारोबार का अंतराष्ट्रीय कनेक्शन...."डमी" ट्रेडिंग पर बे-हिसाब पनप रहे, काले कारोबार की चोंकाने वाली हकीकत....हसीन सपनों की दुकान सजाकर, युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग, निवेश के लिए किया जा रहा प्रेरित....

नीमच//पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ट्रेडिंग और डब्बा माफियाओं की काली करतूतों की हकीकत पर पर्दा सा पड़ चुका था...जहाँ इस अवैध कारोबार के खिलाफ कार्यवाही का कदम उठाने वाली पुलिस और जांच एजेंसियां भी शेयर मार्केट से जुड़े इस चक्रव्यूह को देखकर अक्सर गच्छा खा जाती थी, डब्बा ऑपरेटरों की चालाकियों और काले कारोबार की बारीकियों के बारे में गहनता से पड़ताल के बाद ही इससे जुड़े माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की राह आसान होती है,,,जहाँ कानूनी शिकंजे से बचने के लिए हर पैतरे माफिया अपनाता है...बात करें नीमच जैसे छोटे शहर में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग के अवैध कारोबार की हकीकत और उसके खिलाफ कानूनी शिकंजे की तो तकरीबन एक दशक पूर्व इस प्रतिबन्धित अवैध धंधे के खिलाफ नीमच पुलिस ने एक सूचना पर दबिश देते हुए शहर में बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया था...जिसके बाद कुछ समय तक इस अवैध कारोबार की गतिविधियों पर अंकुश लगा और शहर के अधिकांश डब्बा माफियाओं ने प्रदेश के बड़े शहरों में अपने ठिकानें बना दिए...काली कमाई के इस बे-हिसाब धंधे के सरगनाओं ठिकानें बदलकर अवैध कारोबार में पांव पसारते हुए, अपनी जड़ों को मजबूत किया...!
जहाँ शेयर कारोबार में डमी ट्रेडिंग पर करोड़ो के शेयर्स की खरीदी बिक्री की जा रही है, और साथ ही सरकार को राजस्व की चपत लगाई जा रहा है...आपको बतादें की भारत में डब्बा या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार के ऐसे कारोबार जिसमें किसी को प्रेरित कर निवेश करवाया जाता है, उसके खिलाफ "सेबी" ने पूर्णतः प्रतिबन्धित किया हुआ है...
ऐसे में शहर में बोहरा समाज से जुड़े एक युवा ने ऑनलाइन ट्रेडिंग की अपनी पूरी दुकान सजा ली जहाँ बगैर किसी वैधानिक अनुमतियों के "एमटीएफई" नाम के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शेयर मार्केट इसके द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है, साथ ही शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से युवाओं को जोड़कर उन्हें ट्रेडिंग सबंधी प्रशिक्षण देने के साथ ही कंपनी में निवेश करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है, ऐसे में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर "हुजैफा" जैसे माफिया आज स्थानीय पुलिस के साथ-साथ आर्थिक मामलों से सबंधित देश की सबसे बड़ी संस्था सेबी के सामने भी चुनोती बनकर खड़ा है...जो फर्जीवाड़े के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर युवाओं का भविष्य बर्बाद करने पर आमदा है...?

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