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जावद में बर्बरता की इंतहा-इतना मारा की आत्महत्या को मजबूर हो गया.....काबीना मंत्री के गृह नगर में सूबे की लचर कानून व्यवस्था का शर्मनाक उदाहरण.....घटना के कई दिनों बाद भी दोषियों तक पहुँचने में नाकाम रही पुलिस.....सोसायड नोट में नगर के प्रथम नागरिक से लेकर खांकि से जुड़े लोग......

मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था की लाचारी और उस पर दबंगो की रसुखदारी किस कदर तांडव मचा रही है, इसका एक शर्मनाक उदाहरण कही और नही बल्कि सूबे की शिवराज सरकार में काबीना मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा के गृह नगर में सामने आया है, जहाँ दबंगों द्वारा युवक के साथ मारपीट और इससे आहत होकर पीड़ित द्वारा की गई आत्महत्या का मामला घटना के कई दिनों बाद भी पुलिस की फाइलों में दफन पड़ा है...वहीं मामले में स्थानीय पुलिस की कार्यवाही अब तक महज जांच पड़ताल और पूछताछ पर अटकी है, मृतक द्वारा छोड़े गया सात पेज का सोसायड नोट मामले में दोषियों तक पहुँचने का एक प्रमुख आधार है, जिसमें मृतक को प्रताड़ित करने वालों में तीन दर्जन से अधिक लोगों के नाम शामिल है, बताया जा रहा है की सोसायड नोट में लिखे गए की नामों की इस सूची में जावद नगर परिषद के प्रथम नागरिक से लेकर खांकि से जुड़े कुछ निचले कर्मचारियों के नाम तक शामिल है, जिसके चलते मामले में पुलिस द्वारा कोताही बरती जा रही है...? और जब्त सोसायड के आधार पर भी दोषियों के नामों का खुलासा अब तक नही किया जा सका...इधर आत्महत्या मामले में दोषियों को बचाने भाजपा का एक गुट सक्रिय तौर पर काम कर रहा है, जिसमें मंत्री सकलेचा से जुड़े खास लोग भी शामिल है...यहाँ ढेरों सवाल आत्महत्या मामले में पुलिस की मौजूदा कार्यप्रणाली को लेकर भी खड़े हो रहे है, जो सत्ताधारी लोगों के दबाव में अपने कर्तव्य से भटकते हुए, एक गंभीर मामले में अब तक नतीजे तक नही पहुँच पाई...!
बहरहाल शिवराज के सुशासन की हकीकत का एक शर्मनाक उदाहरण उन्ही के मंत्रिमंडल में शामिल काबीना मंत्री के गृह नगर में सूबे की लचर कानून व्यवस्था की बानगी को पेश कर रहा है...जिसके प्रमुख किरदार भी सत्ता धारी भाजपा से जुड़े लोग है, और ऐसे में शिवराज का सुशासन यहाँ कितना प्रभावी होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है...?

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के सुशासन के दावों की हकीकत क्या है, यह जावद की घटना से मालूम पड़ता है, जब प्रदेश के काबीना मंत्री के गृह नगर में यह हालात है, तो फिर राज्य की कानून व्यवस्था का अंदाजा भी लगाया जा सकता है...

मनीष जोशी-एडवोकेट एवं कांग्रेस नेता जावद

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