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आईने की तरह साफ घटनाक्रम को धुंधला करने की हो रही साजिशें....लंबी यात्रा पर निकले इन्द्रनारायण आत्महत्या मामले से जुड़े किरदार.....सुशासन के दांवों का निकला दम, सत्ताधारियों की रसुखदारी मचा रही तांडव.....काबीना मंत्री के गृह नगर में सरकार की साख को लग रहा बट्टा....

नीमच//सत्ताधारी राजनीतिक दल में शामिल होकर व्यवस्थाओ में दखलंदाजी और छोटे-मोटे काम निकलवाने से लेकर, अवैध गतिविधियों में संलिप्ता पेशेवर राजनीतिक रसूखदारों का एक रुतबा माना जाता है...जहाँ सफेदपोशों के पीछे छिपे काले कारनामे अक्सर दफन हो जाते है, और यहाँ सिस्टम भी लाचार सा नजर आने लगता है...लेकिन सत्ताधारियों की यही रसुखदारी किसी की मौत पर तांडव मचाये और सरकार का जिम्मेदार नोकरशाह उसमें भी एक दर्शक की भूमिका अदा करे...तो यह किसी भी सरकार के सिस्टम के दम तोड़ने जैसा होगा, जहाँ सुशासन की कोई उम्मीद नही की जा सकती...?
सत्ताधारियों की बर्बरता, क्रूरता और रसुखदारी का ऐसा ही मामला जिले के जावद नगर में कारित हुए, इंद्रनारायण की आत्महत्या के घटनाक्रम के रूप में हमारे सामने है...जहाँ कानून व्यवस्था की बेबसी शिवराज के सुशासन के दांवों का दम निकाल रही है,,तो वहीं आत्महत्या के लिए जिम्मेदारों की रसुखदारी सिस्टम की धज्जियां उड़ा रही है...और इस बीच सरकार में शामिल काबीना मंत्री के गृह नगर में ही सरकार की साख पर बट्टा लग रहा है...जिस पर मंत्री जी की चुप्पी मामले में दोषियों के प्रति गहरी संवेदना को जाहिर कर रहा है...! खबर है, की इन्द्रनारायण की आत्महत्या मामले में सोसायड नोट में छिपे किरदार फिलहाल लंबी यात्रा पर है, जहाँ इन्द्रनारायण की मौत पर जन्मदिन का जश्न भी बीते दिनों यात्रा के दौरान मनाया गया... ऐसे में आत्महत्या मामले में जिम्मेदार राजनीतिक रसूखदारों को कानून का ख़ौफ कितना है, इसका अंदाजा भी यहाँ लगाया जा सकता है, वहीं घटनाक्रम को लेकर स्थानीय पुलिस की गंभीरता का पैमाना क्या है, इसका आंकलन भी मामले में कार्यवाही से जुड़ी वर्तमान स्थिति को देखकर किया जा सकता है, जहां सोसायड नोट में चिन्हित नामों पर कार्यवाही की बजाय जाँच पड़ताल पर पुलिस की फाइल अब भी अटकी पड़ी है...?
हो सकता है, सात पेज के सोसायड नोट में मृतक द्वारा लिखे गए, नामों की सूची में कुछ संदिग्धों का इस मामले से कोई लेना देना न हो..."यह जांच का विषय है" लेकिन सोसायड नोट के खुलासे पर पुलिस की बाध्यता भी यहाँ समझ से परे है...जहाँ आईने की तरह साफ इस मामले को धुंधला करने की साजिशें सत्ता और सिस्टम से जुड़े लोग करने में लगे है...बेहतर होता स्थानीय विधायक और शिवराज सरकार के काबीना मंत्री का हस्तक्षेप यहाँ मामले में निष्पक्ष कार्यवाही को लेकर होता, फिर चाहे दोषियों में उनका कोई चहेता या पार्टी से जुड़ा जनप्रतिनिधि ही क्यों न हो...?

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