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पुजारी इन्द्रनारायण आत्महत्या मामला....जावद में भाजपा के बे-रहम रसूखदारों के आगे बेबस हुआ कानून...? फाइलों में दबा सोसायड नोट, जावद में शर्मसार हुआ शिवराज का सुशासन....सत्ता से जुड़े जनप्रतिनिधियों के माथे गरीब पुजारी की मौत का "कलंक".....

जावद में गणेश मंदिर के पुजारी इन्द्रनारायाण पंचोली के साथ बर्बरता पूर्वक की गई मारपीट और इससे आहत होकर, पुजारी द्वारा उठाया गया आत्महत्या का कदम आज शिवराज के सुशासन को शर्मसार करता नजर आ रहा है, जहाँ घटना के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार दोषियों तक पहुँचने में पुलिस के हाथ अब भी खाली है...मृतक द्वारा छोड़ा गया, सात पेज का सोसायड नोट पुलिस की फाइलों में दफन हो चुका है, तो वहीं मामले में संदिग्ध तौर पर जिम्मेदार लोग "पुजारी" की मौत के बाद कलंक मिटाने यात्रा पर है...! लिहाजा मामले में स्पष्ट है, की सोसायड नोट के आधार पर चलने वाली पुलिस की फाइल भाजपा के कई स्थानीय नेताओं के चेहरे से पर्दा उठाएगी, जो अपने राजनीतिक रसूख के दम पर एक गंभीर घटनाक्रम पर पर्दा डाले आजाद घूम रहे है...यहाँ एक बार फिर क्षेत्रीय विधायक और शिवराज सरकार के कबीना मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा का जिक्र करना अनिवार्य होगा, जिनका हस्तक्षेप मामले में एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के रूप नही हो सका...और शायद हो भी क्यों...? पार्टी से जुड़े उनके करीबियों सहित नगर परिषद का प्रथम नागरिक तक मामले में संदिग्ध तौर पर शामिल है, जिनके माथे एक गरीब पुजारी की मौत का "कलंक" है, और पुलिस की फाइलों में दफन सोसायड के बाहर आते ही दोषियों के इस कलंक पर भी मोहर लग सकती है...इधर पुजारी इंद्रनारायण की आत्महत्या मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी बड़ी अजीब है, जिसकी फाइलों में दफन सात पेज का सोसायड नोट मामले में अपेक्षित परिणामों तक पहुँचने के लिए काफी है, लेकिन मसला यहां सत्ताधारी पार्टी से जुड़ा है...लिहाजा राजनीतिक रसूखदारी के आगे यहाँ कानून की बेबसी भी सामने है...! बहरहाल सूबे की शिवराज सरकार में शामिल काबीना मंत्री के गृह नगर में एक पुजारी की आत्महत्या ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को हाशिये पर ला दिया है, जहाँ हिन्दुत्त्व के नाम पर देश मे राजनीति करने वाली भाजपा से जुड़े लोग एक पुजारी की आत्महत्या मामले में संदिग्ध तौर पर जिम्मेदार है, जहाँ घटना के एक माह बाद भी पुलिसिया कार्यवाही जांच पड़ताल पर अटकी पड़ी है...और दोषियों के चेहरे से नकाब उतारने वाला सोसायड नोट फाइलों में दफन है...!

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