तेल कारोबारियों का कारनामा, वजन बढ़ाने के लिए डीओसी में की जा रही भारी भरकम मिलावट....राजस्थान से आ रहा मिलावट का सामान, टनों से बाजारों में बिक रही, मिलावटी "डीओसी".....जानवरों के आहार सहित अन्य उत्पादों में होती है, उपयोगी.....जिले के एक नए नवेले सोया तेल उद्योग का कारनामा आया सामने.....
नीमच//सोयाबीन तेल की बढ़ती खपत और इस कारोबार में सफलताओं की सम्भावनाओ के मद्देनजर शहर के अलग अलग इलाकों में सोया तेल उत्पादन के कई उद्योग स्थापित हो चुके है, जहाँ रोजमर्रा के जीवन मे उपयोगी खाद्य तेल की गुणवत्ता का पैमाना क्या है, यह तो नही कहा जा सकता लेकिन तेल उद्योगो में मिलावट खोरी और अनियमितताओं की आशंकाओं से भी इंकार नही किया जा सकता...
जहाँ सोयाबीन तेल और इसके बाद निकलने वाली "डीओसी" में भारी भरकम मिलावट खोरी का मामला शहर से दूर नेवड़ स्थित सोयाबीन तेल के हाल ही में स्थापित उद्योग में सामने आया है, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक "डीओसी" का वजन बढ़ाने के लिए राजस्थान से मिलावट खोरी का यह सामान नेवड़ स्थित सोया तेल उद्योग तक पहुँच रहा है, जिसे "डीओसी" में मिलावट कर बाजारों में उतारा जा रहा है, बतादें की जानवरों के आहार सहित अन्य उत्पादों में "डीओसी" की मांग देश भर के बाजारों सहित विदेशों में भी है, जहाँ मोटा मुनाफा कमाने की लालसा में तेल कारोबारी "डीओसी" में घटिया पदार्थो की मिलावट खोरी को अंजाम दे रहे है...जहाँ इंसानों को तो छोड़िए बल्कि जानवरों के लिए भी मिलावट का निवाला तैयार करने से परहेज अब नही रहा, और बड़ी आसानी से जानवरों के लिए उपयोगी आहारों में इसे अंजाम दिया जा रहा है, जिसकी सुध लेने वाला शायद कोई नही है, यहाँ जानवरों के लिए फ़ूड सेफ्टी के क्या मायने है, और सुरक्षित शुद्ध भोजन का उन्हें कितना अधिकार है, यह विभाग के जिम्मेदार ही बता सकते है, लेकिन यहाँ जानवरों के आहार सहित अन्य उत्पाद के लिए उपयोगी "डीओसी" में हो रही मिलावट खोरी के खिलाफ आखिर सरकार और सिस्टम में बैठे जिम्मेदार कब नींद से जागेंगे यह बड़ा सवाल है...? बहरहाल आशंकाओं के मद्देनजर खाद्य ओषधि विभाग के जिम्मेदारों को भी यहाँ गम्भीरता बरतते हुए, सेम्पलिंग कार्यवाही की आवश्यकता है, ताकि तेल उद्योगों में पनप रहा मिलावट का यह खेल बेपर्दा हो सके...!