एनडीपीएस में सफल कार्यवाहियों के साथ ही रची जा रही तोड़बट्टे की साजिशें....वाहवाही के साथ वसूली की मंशाओं को पूरा करने का पुलिसिया खेल.....तीन का डेढ़ करने के बाद मुख्य सरगना "सुभाष" पर दिखाई मेहरबानी......
मालवांचल में मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़े संगीन मामले और इन सब के पीछे कारित होने वाले कारनामे किसी से छिपे नही है, जहाँ जब्त मादक पदार्थो की मात्रा में गड़बड़ी के साथ तस्करी से जुड़े मुख्य सरगनाओं से तोड़बट्टे की बानगी भी अक्सर सामने आती रही है, खासकर नीमच मन्दसौर जिलों के थाना क्षेत्रों में एनडीपीएस से जुड़ी यह हकीकत देखी और सुनी जा सकती है...लिहाजा अपनी संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर सवालों के घेरे में रहने वाली खांकि के कारनामे हर बार जांच पड़ताल तक सीमित होकर फाइलों में दफन हो जाते है...? कुछ ऐसा ही घटनाक्रम इन दिनों मन्दसौर जिले के मल्हारगढ़ थाना क्षेत्र में सामने आया है, जहाँ अफीम तस्करी के खिलाफ पुलिस कार्यवाही में बड़े घालेमेल की खबरें सिस्टम में खासी हलचल पैदा कर रही है, वहीं चौकानें वाली बात तो यह है, की मादक पदार्थो की तस्करी खिलाफ पुलिस कार्यवाही के बाद शुरू होने वाले तोड़बट्टे के खेल की कप्तानी भी विंग से जुड़े खिलाड़ियों के हाथों मे सौपीं जा रही है...ताकि वाहवाही के साथ वसूली की मंशाओं को पूरा किया जा सके, जिसकी खबर न तो पुलिस के आला अधिकारियों को है, और न ही मध्यप्रदेश नारकोटिक्स विंग में बैठे शीर्ष अफसरों को...लिहाजा पुलिस और विंग से जुड़ा निचला तबका सुनियोजित तरीके से अपना काम करके निकल रहा है...जिसका एक बड़ा उदाहरण अफीम तस्करी के खिलाफ मल्हारगढ़ पुलिस की कार्यवाही में सामने आया है, जहाँ जब्त मादक पदार्थ अफीम की मात्रा को कम करने सहित तस्करी में मुख्य सरगना "सुभाष खेरमालिया" को सांठगांठ के रास्ते बाहर निकालने का खेल भी पुलिस ने विंग के जिम्मेदारों के साथ मिलकर रचा है...और ऐसे में कारनामों का यह पुलिंदा आला अफसरों के दफ्तरों तक पहुँचकर जिम्मेदारों के खिलाफ कितना प्रभावी साबित होगा...यह देखने वाली बात होगी...?