सिटी थाना क्षेत्र के भाटखेड़ा में कालू की करतूतों के आगे बोनी हुई कानून व्यवस्था.....कालू सटोरियों के संरक्षण में ग्रामीण इलाके बन गए, सट्टा कारोबार का "हब"....सांठगांठ की बुनियाद पर ग्रामीण इलाकों में हर रोज सज रहा सट्टा बाजार....पूरी व्यवस्था के साथ कानून व्यवस्था का उड़ाया जा रहा मख़ौल...?
नीमच//मादक पदार्थो की तस्करी को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाला मालवा बेल्ट का नीमच जिला, पिछले कुछ समय से सट्टा कारोबार से जुड़ी अवैध गतिविधियों लेकर खासा चर्चाओं में है...जहाँ हर रोज लगने वाला सट्टा कारोबारियों का मजमा इलाके की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है, सट्टा कारोबार के "हब" के रूप में सटोरियों की जुबां पर रहने वाले राजस्थान के निम्बाहेड़ा और उदयपुर की यह पहचान खांकि से जुड़े कुछ बन्दीबाज जिम्मेदारों की संदिग्ध कार्यप्रणाली के चलते अब नीमच के खाते में आ पहुँची है, जहाँ माफियाओं की बेखोफी का आलम यह है, की थाना क्षेत्र के आसपास ग्रामीण इलाकों में सट्टा कारोबार के अवैध अड्डे संचालित किए जा रहे है, और पुलिसिया कार्यवाही से बचने के लिए जिम्मेदारों के साथ खुले तौर पर सौदेबाजी की जा रही है...! जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर के दायरे में स्थित ग्रामीण इलाके आज सट्टा कारोबारियों की चपेट में आ चुके है, जहाँ बड़े पैमाने पर सटोरियों का जमावड़ा, काले कारोबार की हकीकत को साफ तौर पर बंया कर रहा है...सिटी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के यह हालात है, जहाँ कारोबार से जुड़े माफियाओं के खिलाफ जिम्मेदारों ने भी आंखे मूंद ली है, गौर करने वाली बात तो यह है, की सांठगांठ की बुनियाद पर संचालित किए जा रहे, सट्टा कारोबार के इन अवैध अड्डो को अलग-अलग नाम दिए गए है, और इन्ही कोड-वर्ड के आधार पर ही काले कारोबार से जुड़ी बातचीत इससे जुड़े संदिग्धों के बीच होती है, फिर चाहे वो सट्टा कारोबार से जुड़ा माफिया हो, या फिर खांकि का कोई नुमाइंदा...पूरी व्यवस्था के साथ कानून व्यवस्था को पंगु साबित करने में यहाँ कोई कसर नही छोड़ी जा रही है,
लिहाजा अवैध कारोबार के खिलाफ जिले के पुलिस कप्तान की सख्ती और गम्भीरता का उदाहरण पूर्व में कई मर्तबा सामने आ चुका है...लेकिन एसपी के इस एक्शन के कुछ दिनों बाद ही माफियाओं के हौंसलो ने उड़ान भरना फिर से शुरू कर दिया और स्थानीय थाना क्षेत्र में खांकि से जुड़े कुछ जिम्मेदारों की क्षय पर सट्टे के इस अवैध कारोबार के नए ठिकानें स्थापित हो गए...जहाँ 400 से 500₹ प्रति घंटे के मान से सटोरियों को खुला संरक्षण इसके सरगनाओं द्वारा दिया जा रहा है,,,बात करें थाना क्षेत्र में संचालित सट्टा कारोबार के प्रमुख अड्डों की तो स्थानीय भाटखेड़ा इन दिनों सट्टा कारोबार का "हब" बन चुका है, जहाँ कालू सटोरिये की सरपरस्ती में सट्टे से जुड़ी अवैध गतिविधियों का संचालन बड़ी आसानी से अपने अंजाम तक पहुँच रहा है...और यहाँ जिम्मेदारों तक पहुँचने वाले लिफाफे का वजन भी कारोबार से होने वाली काली कमाई के आधार पर तय किया जाता है...ऐसे में सट्टा माफियाओं के खिलाफ यहाँ कार्यवाही कितनी त्वरित और सख्ती से होगी इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है...? बहरहाल सट्टा कारोबार की हकीकत और स्थानीय थाना क्षेत्र पुलिस की यहाँ भूमिका स्पष्ट रूप से संदेहपूर्ण है, जहाँ आवश्यकता है, सिंडिकेट से जुड़े इस पुल को ध्वस्त करने की और माफियाओं के खिलाफ गम्भीरता के साथ कड़े कदम उठाने की...!